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Banking Stocks: बैंक निफ्टी रिकॉर्ड हाई पर, लेकिन ब्रोकरेज इस बात को लेकर है परेशान

Banking Stocks: मार्केट कैप के हिसाब से देश के 12 सबसे बड़े बैंकों के शेयरों में उतार-चढ़ाव को मापने वाले निफ्टी बैंक में आज तूफानी तेजी रही। इंट्रा-डे में यह उछलकर 54,197.95 रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। हालांकि ब्रोकरेज फर्म सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने हालिया नोट में लिखा कि बैंक निफ्टी के सामने टूटने का रिस्क दिख रहा है। ब्रोकरेज का मानना है कि निफ्टी बैंक इंडेक्स और इंडिविजुअल स्टॉक्स के वैल्यूएशन में काफी फर्क है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 23, 2024 पर 3:56 PM
Banking Stocks: बैंक निफ्टी रिकॉर्ड हाई पर, लेकिन ब्रोकरेज इस बात को लेकर है परेशान
ब्रोकरेज के मुताबिक सेक्टर रोटेशन के बीच थोड़े-थोड़े समय की तेजी दिख सकती है लेकिन स्ट्रक्चरल और साइक्लिकल एसेसमेंट के हिसाब से बैंकिंग और लेंडिंग सेक्टर की अंडरवैल्यूएशन स्थिति बनी रहेगी।

Banking Stocks: मार्केट कैप के हिसाब से देश के 12 सबसे बड़े बैंकों के शेयरों में उतार-चढ़ाव को मापने वाले निफ्टी बैंक में आज तूफानी तेजी रही। इंट्रा-डे में यह उछलकर 54,197.95 रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। हालांकि ब्रोकरेज फर्म सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने हालिया नोट में लिखा कि बैंक निफ्टी के सामने टूटने का रिस्क दिख रहा है। ब्रोकरेज का मानना है कि निफ्टी बैंक इंडेक्स और इंडिविजुअल स्टॉक्स के वैल्यूएशन में काफी फर्क है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि प्राइवेट बैंकों के स्टॉक्स की तुलना में सरकारी बैंकों के शेयरों में अधिक गिरावट दिख सकती है क्योंकि इनका वैल्यूशन तेजी से बढ़ा है यानी ये काफी हाई लेवल पर पहुंच गए हैं।

Banking Stocks पर क्या है ब्रोकरेज की रिपोर्ट में?

ब्रोकरेज का कहना है कि अभी मार्केट में बुलिश रुझान है लेकिन जब स्थिति सामान्य होगी तो बैंक निफ्टी में गिरावट का दबाव दिख सकता है। कैश डिपॉजिट रेश्यो में गिरावट से इसका परफॉरमेंस और बिगड़ सकता है क्योंकि बैंकों के मार्जिन पर दबाव पड़ेगा, रिटर्न रेश्यो कम होगा और एनपीए बढ़ेगा। इस प्रकार ओवरऑल वैल्यूएशन पर ही दबाव बनेगा।

ब्रोकरेज के मुकाबिक अगर क्रेडिट रेश्यो में 3 फीसदी की गिरावट आती है तो निफ्टी बैंक का प्राइस-टू-बुक (P/BV) रेश्यो मौजूदा 2.8 गुने से गिरकर 2.4 गुना तक आ सकता है। हालांकि इसमें भी अगर सरकारी और प्राइवेट बैंकों की अलग-अलग बात करें तो सरकारी बैंकों में निवेश पर अधिक रिस्क है क्योंकि कोरोना से पहले निफ्टी पीएसबी का P/BV यानी प्राइस-टू-बुक रेश्यो 0.8 गुना पर था जो मई 2024 में 1.7 के हाई पर चला गया था और फिलहाल 1.3 पर है। वहीं बड़े प्राइवेट बैंकों की बात करें तो एचडीएफसी बैंक और कोटक बैंक का परफॉरमेंस कुछ खास नहीं रहा और वैल्यूएशन के हिसाब से 14 साल के निचले स्तर पर है तो इनमें निवेश पर रिस्क कम है। आईसीआईसीआई बैंक की बात करें तो इसे सेक्टर के डी-रेटिंग का रिस्क झेलना पड़ सकता है।

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