Best Sector to choose stocks: सेक्टर की ग्रोथ का उस सेक्टर से जुड़े शेयरों पर भी पड़ता है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का मानना है कि भारतीय हॉस्पिटल सेक्टर में बूम आने वाला है। हॉस्पिटल्स तेजी से अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं जिससे इनके नेट इनकम में जोरदार उछाल दिख सकती है। पिछले तीन साल में हॉस्पिटल्स की क्षमता नियमित तौर पर बढ़ी है यानी कि जोरदार उछाल नहीं रही लेकिन अब एक से डेढ़ साल में 3-10 फीसदी की जोरदार उछाल दिख सकती है। जेफरीज के मुताबिक हेल्थकेयर सेक्टर की आउटलुक भी बेहतर दिख रहा है और वित्त वर्ष 2024-26 में EBITDA की ग्रोथ 14-21 फीसदी रह सकती है।
Jefferies ने क्यों रखा है टॉप पर
जेफरीज के मुताबिक हॉस्पिटल सेक्टर की ग्रोथ अनियमित तरीके से हो सकती है यानी कि इसमें उतार-चढ़ाव दिख सकता है। बेड की संख्या बढ़ने के साथ-साथ इसका प्रति अकुपाइड बेड औसतन रेवेन्यू (ARPOB) भी बढ़ेगा जिससे ओवरऑल अर्निंग्स ग्रोथ को तगड़ा सपोर्ट मिलेगा। अब सवाल ये उठता है कि जो विस्तार होगा, उसका फायदा कब से मिलने लगेगा तो जेफरीज का मानना है कि 6-18 महीने में ब्रेक-इवन की स्थिति आ जाएगी। इसके बाद ऑपरेटिंग लीवरेज में तेजी दिखेगी और फिर ग्रोथ में एकाएक तेज उछाल दिखेगी। इसी के चलते ही जेफरीज ने हॉस्पिटल सेक्टर को ग्रोथ आउटलुक के मामले में टॉप पर रखा है। जेफरीज हॉस्पिटल सेक्टर के वित्तीय आउटलुक को लेकर भी पॉजिटिव बना हुआ है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-26 के बीच इसका EBTIDA ग्रोथ 14-21 फीसदी रह सकता है।
अभी कैसी है Hospital Sector की सेहत
हॉस्पिटल सेक्टर में अभी के गतिविधियों की बात करें तो मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट ने हाल ही में लखनऊ में सहारा हॉस्पिटल को 940 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्यू पर खरीद लिया। अक्टूबर में ब्लैकस्टोन के प्राइवेट इक्विटी फंड्स ने TPG RISE फंड्स के प्लेटफॉर्म एवरकेयर (Evercare) से केयर हॉस्पिटल्स (CARE Hospitals) में मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद ली। यह सौदा 4800 करोड़ रुपये में पड़ा। एक और सौदे में डॉ आजाद मूपेन की एस्टर डीएम हेल्थकेयर ने मिडिल ईस्ट के अपने कारोबार को अल्फा जीसीसी होल्डिंग्स को बेच दिया। यह सौदा 101 करोड़ डॉलर में पड़ा और अब कंपनी का पूरा फोकस भारतीय कारोबार पर ही है।