दिग्गज पीएसयू भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) के शेयरों पर आज काफी दबाव दिखा। भेल के लिए चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल-जून बुरी रही और इसे जून तिमाही में 343.89 करोड़ रुपये का कंसालिडेटेड नेट लॉस हुआ। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 187.99 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। इसके चलते शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा। दिन के आखिरी में आज बीएसई पर यह 2.48 फीसदी फिसलकर 96.50 रुपये के भाव (BHEL Share Price) पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में तो यह 4 फीसदी से अधिक टूटकर 94.80 रुपये पर आ गया था। इसका फुल मार्केट कैप 33,601.91 करोड़ रुपये है।
BHEL के लिए कैसी रही जून तिमाही
अप्रैल-जून 2023 में भेल को 343.89 करोड़ रुपये का कंसालिडेटेड नेट लॉस हुआ जबकि एक साल पहले जून 2022 तिमाही में इसे 187.99 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। EBITDA की बात करें तो EBITDA लॉस सालाना आधार पर 392.44 करोड़ रुपये से गिरकर 539.15 करोड़ रुपये पर आ गया। इसका ग्रॉस मार्जिन भी सालाना आधार पर 1 फीसदी और तिमाही आधार पर 2 फीसदी गिर गया। कोरोना के पहले के मुकाबले तो यह 13.50 फीसदी गिर गया। हालांकि इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 8 फीसदी बढ़कर 4818.37 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिजल्ट को लेकर ब्रोकरेज का क्या कहना है
घरेलू ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) के मुताबिक EBITDA रेड जोन में है जिसके चलते कंपनी प्रोविजन को राइटबैक करने की स्थिति में नहीं आ पाई। ब्रोकरेज ने सावधान किया है कि इस प्रकार के राइटबैक की अनुपस्थिति में मुनाफे में रिकवरी में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा ब्रोकरेज ने एक और प्वाइंट पर ध्यान आकर्षित किया है कि भेल के कैश लॉस की स्थिति बिगड़ रही है जो कंपनी के वर्किंग कैपिटल की कठिन स्थिति का संकेत दे रहा है। ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक थर्मल ऑर्डरिंग टाइमलाइन और प्रोविजन्स के रियलाइजेशन के साथ-साथ रेल, डिफेंस और हाईड्रोजन जैसे नॉन-थर्मल एरियाज में ग्रोथ पर नजर रखनी होगी।