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उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में बीजेपी को मिली जीत से बाजार को मिली फौरी राहत, जानिए एक्सपर्ट्स की क्या है राय

Ambit Asset Management के एश्वर्य दधीच का कहना है कि जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने की जरुरत है.

अपडेटेड Mar 10, 2022 पर 6:52 PM
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रूस पर लगाए गए प्रतिबंध ग्लोबल सप्लाई चेन पर अपना असर डालते रहेंगे। जब तक रूस पर लागू प्रतिबंध हटाए नहीं जाते तब तक भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा.

UP assembly elections:उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत से बाजार को राहत की सांस लेने का मौका मिला है और इससे एक नई उम्मीद का संचार भी हुआ है। आज की इस जीत से तय हो गया है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में लगतार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। उत्तरप्रदेश के चुनावों को देश के आम चुनावों के लिए एक संकेत माना जाता है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जो लोकसभा को सबसे ज्यादा सांसद देता है। सामान्य तौर पर देखने को मिलता है उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों का असर लोकसभा चुनाव पर भी देखने को मिलता है।

यूपी में बीजेपी को मिली भारी जीत से निवेशकों और बाजार के जानकारों में देश की नीतियों की निरंतता को लेकर बनी चिंता कम हुई है। मार्केट एक्सपर्ट्स को भी इस बात की संभावना नजर आ रही है कि 2 साल बाद होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में एक बार फिर मोदी सरकार की वापसी हो सकती है जिससे सरकार की आर्थिक नीतियों में स्थिरता और निरंतता बनी रहेगी।

InCred Wealth के नीतिन राव का कहना है कि तमाम राज्य रूलिंग पार्टी द्वारा किए गए कामों को भारी समर्थन दे रहे हैं। जो मीडियम टर्म नजरिए से निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है। बाजार की आगे की दशा पर बात करते मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10 मार्च और उसके 1 दिन पहले बाजार में लौटा बुलिश सेंटिमेंट अस्थाई साबित हो सकता है। क्योंकि क्रूड ऑयल की तेजी और पूर्वी यूरोप का जियोपॉलिटिकल तनाव अभी भी कायम है।


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इस बीच Goldman Sachs का कहना है कि 2022 के अधिकांश हिस्से में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर रह सकती हैं।

Ambit Asset Management के एश्वर्य दधीच (Aishvarya Dadheech) का कहना है कि जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने की जरुरत है। उनका यह भी कहना है कि अगर यूक्रेन और रूस के बीच का युद्ध खत्म हो भी जाता है तो कमोडिटी की कीमतें एकाएक नीचे नहीं आएगी क्योंकि रूस पर लगाए गए प्रतिबंध ग्लोबल सप्लाई चेन पर अपना असर डालते रहेंगे। जब तक रूस पर लागू प्रतिबंध हटाए नहीं जाते तब तक भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।

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