Stock Markets: शेयर बाजार के लिहाज से इस समय कुछ भी अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं। अमेरिका ने पहले चीन पर 104% के टैरिफ का ऐलान किया और अब चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका पर 84% के टैरिफ का ऐलान किया है। इसके बाद एक फिर से ग्लोबल मार्केट्स में हाहाकर मच गया है। अमेरिका का डाउ जोन्स फ्यूचर्स 1.7 फीसदी नीचे आ गया और S&P 500 में 1.5 फीसदी की गिरावट देखी गई। यूरोपीय देशों के इंडेक्स भी 3-4 फीसदी तक टूट गए।
हालांकि इसके सबसे बीच राहत वाली बात यह है कि भारतीय शेयर बाजार कल यानी गुरुवार 10 अप्रैल को महावीर जंयती के चलते बंद रहेंगे। लेकिन आखिर यह राहत कब तक रहेगी। अमेरिका और चीन के इस टैरिफ वार के चलते शेयर बाजारों में कितनी गिरावट आ सकती है? दुनिया की सबसे बड़ी वेल्थ-मैनेजमेंट कंपनी, ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी पिंक ने इसे लेकर अनुमान जताया है।
20 फीसदी तक गिर सकता है शेयर बाजार?
लैरी फिंक के अगर अनुमान सही साबित होते हैं और इस साल अमेरिका के साथ भारत में बाजार 20 फीसदी तक गिरता है तो इसका मतलब है कि निफ्टी गिरकर 18,000 प्वाइंट्स तक जा सकता है। सवाल है कि क्या आप इस गिरावट का सामना करने के लिए तैयार हैं? शायद ही कोई इनवेस्टर इतनी बड़ी गिरावट के लिए तैयार होगा। भारतीय शेयर बाजार में पिछले साल सितंबर के आखिर से गिरावट जारी है। इस गिरावट ने निवेशकों को बेचैन कर दिया है। लॉर्जकैप से ज्यादा स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में गिरावट आई है। इसका असर SIP से होने वाले निवेश पर भी दिखा है। SIP रेशियो घटने के संकते मिल रहे हैं। इससे इंडियन मार्केट्स के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा।
लैरी फिंक ने अमेरिका में एक प्रोग्राम में कहा कि उन्होंने कई सीईओ से बात की। इनमें से ज्यादातर का मानना था कि अमेरिका की इकोनॉमी मंदी के एकदम कगार पर खड़ी है। अगर वहां मंदी तो इसका असर पूरी दुनिया की इकोनॉमी पर पड़ेगा। भारत के लिए भी इससे बचना मुश्किल हो जाएगा। माना जा रहा है कि टैरिफ की वजह से चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे लोगों को फिर से महंगाई के दानव से निपटना होगा। ध्यान में रखने वाली बात है कि कोविड के बाद अमेरिकी सरकार और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी से अमेरिका में इनफ्लेशन काफी बढ़ गया था। इसे काबू में करने में कई साल लग गए और अभी यह अपने लक्ष्य से ऊपर ही है। इसी बीच अब ट्रंप के ऐलानों ने फिर से अमेरिका में महंगाई बढ़ने का खतरा पैदा कर दिया है।
लैरी फिंक ने लेकिन साथ में यह भी कहा कि अभी सिस्टम में किसी तरह का रिस्क नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि शेयर बाजार में आई यह गिरावट बेचने की नहीं, बल्कि क्वालिटी शेयरों को खरीदने का मौका है। ध्यान देने वाली बात यह है कि फिंक वॉल स्ट्रीट के पहले ऐसे एग्जिक्यूटिव हैं, जिन्होंने पिछले हफ्ते ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट का अनुमान जताया था। लैरी फिंक ने कहा कि फिलहाल मार्केट के सामने काफी ज्यादा अनिश्चितताएं हैं और चीजों को साफ होने में 2-3 हफ्तों का समय लग सकता है।
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