मनीकंट्रोल ने कुछ दिन पहले ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के अकाउंटिंग गड़बड़ियों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के आने के दो दिन बाद एडटेक कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इसे लेकर सफाई पेश की है। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि अपने वित्तीय खुलासे को सुधारने के लिए यह जरूरी कदम उठा रही है। ब्राइटकॉम ने अब अपनी सब्सिडियरीज की वित्तीय सेहत को सार्वजनिक कर दिया है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में अकाउंटिंग एक्सपर्ट नितिन मंगल ने इसे लेकर ही सवाल उठाया था कि कंपनी की वेबसाइट पर ये आंकड़े दिख नहीं रहे हैं। अब कंपनी का कहना है कि इसने अपनी वेबसाइट पर आंकड़े अपलोड कर दिए हैं।
Brightcom Group के खातों के ऑडिट को लेकर भी थे सवाल
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में यह भी सवाल उठाया गया था कि ब्राइटकॉम की 16 में से 14 सब्सिडियरीज की ऑडिटिंग नहीं हुई है। इसे लेकर कंपनी ने जवाब दिया है कि स्टैटुअरी ऑडिटर कंपनी के स्टैंडएलोन फाइनेंशियल्स को ऑडिट करते हैं और फिर सब्सिडियरी अकाउंट्स को मिला दिया जाता है यानी कंसालिजडेट्स किया जाता है। कंपनी का कहना है कि इसका कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है तो यह हर देश के स्थानीय कानूनों का पालन करती है और उसी के हिसाब से कई ऑडिटर्स के जरिए खातों का ऑडिट होता है। इसके अलावा कंपनी ने बैंलेस शीट में 'अदर एडवांसेज' सेक्शन को लेकर सफाई दी कि यह अभी इस पर काम कर रही है ताकि इस कैटेगरी के सभी कंपोनेंट्स जारी किए जा सकें।
ब्राइटकॉम की दिक्कतें तब से शुरू हुई जब सेबी (SEBI) ने अकाउंटिंग में गड़बड़ी और खुलासे में चूक को लेकर इसकी खिंचाई की। कंपनी ने 868 करोड़ रुपये के नुकसान को प्रॉफिट-लॉस अकाउंट में नहीं दिखाया था। सेबी के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्षों में कंपनी ने अपने मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिया। इस पर कंपनी का कहना है कि इसकी 10 सब्सिडियरीज में घाटे के असर की पहचान की गई है। हालांकि इसके बाद कंपनी का कहना है कि इसका कंपनी के प्रॉफिट-लॉस अकाउंट पर सीधे असर की उम्मीद नहीं की गई थी। इस पर कंपनी ने सोमवार को एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इस मामले में पेशेवर तरीके से पूरी सावधानी बरती गई है।
सेबी ने इस पर भी सवाल उठाया कि कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न को सही तरीके से पेश नहीं किया गया था। हालांकि इस पर ब्राइटकॉम ने पहले ही जवाब दे दिया था कि प्रमोटरों ने बैंकों के पास जो शेयर गिरवी रखे थे, उनके वापस आने पर प्रमोटर शेयरहोल्डिंग में बदलाव हुआ था। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो मार्च तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 223 करोड़ रुपये से मामूली रूप से बढ़कर 229.15 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।