Brightcom Group Q2 Results: ब्राइटकॉम ग्रुप ने गुरुवार, 12 दिसंबर को वित्त वर्ष 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा की। तिमाही के दौरान कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में 10.2% बढ़कर 1,302.78 करोड़ रुपये हो गया। इस बीच शुद्ध कंसोलिडेटेड मुनाफा भी जून तिमाही की तुलना में लगभग 17% बढ़कर 187 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में रेवेन्यू 705 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 37.45 करोड़ रुपये रहा था।
सितंबर तिमाही की अर्निंग्स का डेटा जारी करने के दौरान ब्राइटकॉम ग्रुप ने शेयरों का ट्रेडिंग सस्पेंशन रद्द किए जाने को लेकर कोई टाइमलाइन शेयर नहीं की। कंपनी ने कहा था कि अप्रैल-जून 2024 तिमाही के नतीजे घोषित करने के बाद ट्रेडिंग सस्पेंशन रद्द करने की टाइमलाइन जल्दी आ सकती है। इसके पहले एक बयान में कहा गया था कि कंपनी को विश्वास है कि 14 दिसंबर, 2024 से पहले ही BSE और NSE की ओर से ब्राइटकॉम ग्रुप का ट्रेडिंग सस्पेंशन रद्द कर दिया जाएगा। लेकिन फिलहाल इस पर कोई अपडेट नहीं है।
बंद है शेयरों में नॉर्मल ट्रेडिंग
बता दें कि BSE और NSE के आदेश के अनुसार इस साल जून से ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों में नॉर्मल/रेगुलर ट्रेडिंग बंद है। स्टॉक्स जेड ग्रुप में कैटेगराइज हैं और शेयरहोल्डर्स केवल ट्रेड-फॉर-ट्रेड सेगमेंट में ट्रेड कर सकते हैं। इसके तहत सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही ट्रेड होता है।
ब्राइटकॉम ग्रुप की ओर से पहले कहा गया था, "रिवोकेशन प्रोसेस योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है और दोनों एक्सचेंजों में जरूरी आवेदन पहले से ही मौजूद हैं। हमें निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी कंप्लायंस रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने और यह सुनिश्चित करने का भरोसा है कि सस्पेंशन स्थायी न हो जाए।"
शेयरों की रेगुलर ट्रेडिंग क्यों है सस्पेंड
जुलाई-सितंबर 2023 और अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी नहीं कर पाने के चलते ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों में ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी गई थी। सस्पेंशन की घोषणा मई में की गई थी और 14 जून से ट्रेडिंग बंद हो गई। ब्राइटकॉम समूह के शेयरों में रेगुलर ट्रेडिंग सस्पेंड होने से 6.5 लाख से अधिक छोटे शेयरधारक मुश्किल में हैं। सितंबर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, छोटे खुदरा निवेशक या 2 लाख रुपये तक की ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल वाले निवेशकों की Brightcom Group में 44.24% हिस्सेदारी है।
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सितंबर और दिसंबर 2023 तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों को जारी किए जाने में देरी, रेजिग्नेशन लेटर्स का खुलासा न कर पाने, डायरेक्टर्स के इस्तीफे के खुलासे में देरी सहित अन्य फैक्टर्स को लेकर एक आदेश में कंपनी पर ₹8 लाख का जुर्माना लगाया था।