Daily Voice : आगे सीमित दायरे में घूमता नजर आएगा बाजार- Waterfield Advisors के कुणाल वालिया

कुणाल वालिया ने कहा कि प्राइमरी मार्केट का सेंटीमेंट काफी सतर्क बना हुआ है। आगे प्राइमरी मार्केट हमें सेकेंडरी मार्केट के रास्ते पर ही चलता नजर आएगा

अपडेटेड Aug 15, 2022 पर 12:45 PM
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कुछ आईपीओ के शेयर प्राइस में हुई गिरावट को देखते हुए अब रिटेल और घरेलू संस्थागत निवेशक आने वाले आईपीओ के वैल्यूएशन को लेकर काफी सतर्क रहेंगे

Waterfield Advisors के कुणाल वालिया ने भारत की इकोनॉमी और बाजार की आगे की दशा और दिशा पर मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में कहा कि भारत के इक्विटी बाजार में एफआईआई की तरफ से एक बार फिर से शुरु हुई खरीदारी के अभी और पुख्ता होने की जरूरत है लेकिन हमारा यह मानना है कि एफआईआई की बिकवाली के दौर का एक बड़ा हिस्सा निकल चुका है।

एफआईआई ने अगस्त महीने के पिछले 10 दिनों में भारतीय इक्विटी मार्केट में 12190 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारत को लेकर एफआईआई का आगे का रुख बहुत कुछ भारत और अमेरिका के महंगाई आंकड़ों पर निर्भर करेगा।

बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों की तरह ही भारत का इक्विटी बाजार हमें दायरे में ही घूमता नजर आएगा। अगर मौद्रिक नीतियों पर यूएस फेड का नजरिया सख्त रहता है तो बाजार हमें दायरे में ही दिखेगा। वहीं अगर फेड के रूख में कुछ नरमी आती है तो बाजार के प्रदर्शन में तेजी आ सकती है।


आईटी सेक्टर से जुड़े सवाल का जबाव देते हुए कुणाल वालिया ने कहा कि आईटी सेक्टर में अप्रैल 2020 से दिसंबर 2021 के बीच भारी बुलरन देखने को मिला। इस बीच इनके वैल्यूएशन में भी जोरदार तेजी आई। 2021 के बाद यूएस फेड के रुख में बदलाव के बाद ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिली। उसके अलावा कोविड काल में किए गए राहत उपाय भी वापस लिए जाने लगे। ऐसे में Nasdaq के लीडरशिप में अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली।

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भारत के आईटी सेक्टर पर भी अमेरिका के बाजार की इस चाल का असर देखने को मिला और भारत में भी आईटी सेक्टर की जोरदार पिटाई शुरू हो गई। ऐसे में निवेशकों को सलाह होगी कि वो किसी एक सेक्टर या थीम पर निर्भर ना रहकर अपने पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन करें। हम अभी भी मुश्किलों के दौर से बाहर नहीं है।

आईपीओ बाजार से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कुणाल वालिया ने कहा कि प्राइमरी मार्केट का सेंटीमेंट काफी सतर्क बना हुआ है। आगे प्राइमरी मार्केट हमें सेकेंडरी मार्केट के रास्ते पर ही चलता नजर आएगा। पिछले कुछ महीनों से भारत के इक्विटी बाजार में एफआईआई का पैसा फिर से वापस आता नजर आ रहा है। कुछ आईपीओ के शेयर प्राइस में हुई गिरावट को देखते हुए अब रिटेल और घरेलू संस्थागत निवेशक आने वाले आईपीओ के वैल्यूएशन को लेकर काफी सतर्क रहेंगे।

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MoneyControl News

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First Published: Aug 15, 2022 12:41 PM

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