BSE Midcap और Smallcap सूचकांकों पर मार्केट में तेजी का असर नहीं दिखा। दोनों ही सूचकांक करीब 3 फीसदी तक टूट गए। इसकी वजह मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में मुनाफावसूली लगती है। 10:30 बजे बीएसई मिडकैप इंडेक्स 2.8 फीसदी गिर चुका था, जबकि बीएसई स्मॉलकैप में 3.1 फीसदी गिरावट आई थी। दोनों ही सूचकांकों में इस साल अप्रैल से अब तक 45 फीसदी तक की तेजी आई है। इस साल ये 28 फीसदी चढ़ चुके हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज निवेशकों को सतर्क कर चुका है
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने हाल में इनवेस्टर्स को मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी को लेकर सतर्क किया था। उसने मिडकैप पोर्टफोलियो फिलहाल नहीं बनाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस सेक्टर में 12 महीने में अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स की संख्या ज्यादा नहीं दिख रही है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ समय से इन शेयरों में जारी तेजी की वजह से इनकी वैल्यएशंस बहुत बढ़ गई हैं। इस कैटेगरी की कुछ कंपनियों की सेहत खराब हुई है।
स्मॉलकैप-मिडकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशंस बहुत ज्यादा
आशिका ग्लोबल फैमिली ऑफिस सर्विसेज के को-फाउंडर अमित जैन ने कहा कि अभी स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स ग्रोथ की अपनी संभावना के लिहाज से ओवरवैल्यूड दिख रहे हैं। उदाहरण के लिए Nifty Micro Cap 250 का पीई रेशियो 33 है, जबकि NIfty50 का पीई रेशियो 22 है। Nifty 500 का पीई रेशिय 25 है। इससे पता चलता है कि ज्यादातर माइक्रोकैप स्टॉक्स का रिस्क-रिवार्ड रेशियो अच्छा नहीं रह गया है। इसलिए इन शेयरों में निवेश से शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न कमाने की चाहत रखने वाले निवेशकों का पैसा डूब सकता है। इन शेयरों में आपको तभी निवेश करना चाहिए, जब आप कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर बहुत ज्यादा आश्वस्त हैं। इससे पहले निफ्टी50 और Nifty Micro cap 250 की वैल्यूएशंस में इस तरह का फर्क दिखने के बाद माइक्रोकैप स्टॉक्स में बड़े करेक्शन देखने को मिले हैं।
निवेश के लिए क्वालिटी स्टॉक्स का अभाव
Nirmal Bankg Equities के सीईओ राहुल अरोड़ा ने कहा कि मार्केट में निवेश के अट्रैक्टिव मौकों की कमी है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर अच्छे स्टॉक्स में खरीदारी हो चुकी है, जिससे उनकी कीमतें कम नहीं रह गई हैं। ऐसे में इनवेस्टर्स ऐसे स्टॉक्स में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, जिनमें सामान्य स्थितियों में वे निवेश करने के बारे में नहीं सोच सकते। इसके चलते ऐसी कंपनियों के शेयर भी अचानक महंगे हो गए हैं, जिनमें कल तक किसी तरह की हलचल नहीं दिख रही थी।
HDFC Securities के एमडी और सीईओ धीरज रेसली ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में काफी उछाल आया है। कुछ मामलों में तो इस तेजी का कोई आधार नहीं दिखता। ऐसे में इनवेस्टर्स को अपने एसेट एलोकेशन को रिव्यू करना चाहिए और कुछ प्रॉफिट बुक कर अपने पास कैश रखना चाहिए।
छोटी कंपनियों को लेकर ज्यादा चिंता
इस बीच, Karma Capital के को-फाउंडर और को-सीआईओ ऋषभ सेठ ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में बहुत ज्यादा स्पेकुलेशन हो रहा है। हालांकि, वह नहीं मानते कि अभी मार्केट में जरूरत से ज्यादा उत्साह है। उनका कहना है कि अगर फंड फ्लो खासकर रिटेल इनवेस्टर्स के फ्लो में बदलाव आता है तो दिक्कत हो सकती है। इलेक्शंस नजदीक आने और वैश्विक परिदृश्य को नजर में रखते हुए फंड फ्लो पर ध्यान देना जरूरी है। ज्यादा चिंता छोटी कंपनियों को लेकर है।
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