भारतीय शेयर बाजारों ने सप्ताह के पहने दिन की शुरुआत गिरावट के साथ की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स- 30 (Sensex-30) सोमवार को इंट्राडे में 1,200 अंकों से अधिक टूटकर 57,424 के निचले स्तर तक पहुंच गया। वहीं निफ्टी (Nifty) बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, HDFC और HDFC बैंक जैसे हैवीवेट शेयरों में बिकवाली के दबाव के बीच 17,150 के स्तर को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा था। बीएसई सेंसेक्स में भारी गिरावट से निवेशकों को सोमवार को करीब तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। हालांकि बाजार बाद में कुछ संभला और 1023.63 अंक गिरकर 57,621.19 पर बंद हुआ।
इस बीच आज बॉन्ड मार्केट और फॉरेन करेंसी मार्केट बंद रहे। दरअसल, महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को सार्वजिनक अवकाश घोषित किया था, जिसके बाद RBI ने सरकारी बॉन्ड मार्केट और फॉरेन करेंसी मार्केट के सोमवार को बंद रहने का ऐलान किया था।
सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट HDFC बैंक में 3.63 फीसदी की देखी गई। इसके अलावा HDFC, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस जैसे विदेशी निवेशकों के पसंदीदा स्टॉक भी 2.5% से 3.5% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे क्या कारण रहे-
FII की तरफ से भारी बिकवाली
Swastika Investmart Ltd के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने बताया, "भारतीय बाजार में आज कारोबार के दौरान तेज गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की तरह से बिकवाली है, जो क्रूड ऑयल का दाम बढ़ने और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की आशंका के चलते भारतीय बाजार से पैसा खींच रहे हैं। आज जिन शेयरों में गिरावट आई है, वे सभी FII के पसंदीदा स्टॉक रहे हैं। इनमें HDFC, HDFC बैंक, ICICI बैंक, इंफोसिस और कोटक बैंक जैसे हैवीवेट शेयर शामिल हैं। FII की बिकवाली से इन शेयरों के साथ-साथ बेंचमार्क इंडेक्स भी नीचे आ गया है। आज के कारोबार के अंत में हम FII की तरफ से बिकवाली के बड़े आंकड़े की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि इस दौरान PSU बैंकों, मेटल्स शेयर और शुगर स्टॉक्स में अच्छी खरीदारी दिखी।"
संतोष मीणा ने कहा, "अगर हम घरेलू संकेतों के बारे में बात करते हैं तो बजट अच्छा था और कंपनियों की दिसंबर तिमाही में अर्निंग ग्रोथ भी ठीक रही है। लेकिन यहां एक अहम सवाल यह है कि "क्या बाजार 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले घबरा रहा है?" तकनीकी रूप से, निफ्टी अपने 50 दिनों के मूविंग एवरेज से नीचे फिसल गया है जो एक अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि 17,200 एक समर्थन स्तर है जहां हम कुछ रिकवरी की उम्मीद कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बिकवाली का दबाव 17,000/16,800 के स्तर की ओर बढ़ सकता है। हालांकि सपोर्ट मिलने पर 17450-17500 अब एक मजबूत रेजिस्टेंस के रूप में काम करेगा।"
अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया, "अमेरिकी सरकार के 10-ईयर बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 1.91 फीसदी पर पहुंच गई है, जो महंगाई की बढ़ती चिंताओं को फेडरल रिजर्व पर बढ़ते दबाव को दिखाता है। जनवरी में अमेरिका में 4.67 लाख नए रोजगार पैदा हुए हैं, जो बाजार की उम्मीदों से ज्यादा है। अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि फेडरल रिजर्व अब महंगाई को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगा। अगर फेडरल रिजर्व मार्च में ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करता है, तो दुनिया भर के बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।"
वीके विजयकुमार ने कहा, "FII की बिक्री शॉर्ट-टर्म में बाजार को जरूर प्रभावित कर रही है, लेकिन मीडियम टर्म में इसका असर नहीं है। FII ने अक्टूबर 2021 से अब तक 1,14,100 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है। लेकिन फिर भी निफ्टी उसी स्तर पर बना हुआ है जहां वह अक्टूबर 2021 की शुरूआत में था। FII की बिकवाली शॉर्ट टर्म में गिरावट कारण बन रही है, लेकिन मध्यम अवधि में इसका कोई अहम असर नहीं है।"
विदेशी शेयर बाजारों का असर
यूरोपीय शेयर बाजारों में आज मिलाजुला रुख रहा। हालांकि एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, टोक्यो और सियोल मध्य सत्र के दौरान घाटे में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए।