BSE share price : 11 सितंबर को बीएसई के शेयरों में 3 फीसदी की गिरावट आई है। सीएनबीसी-टीवी18 ने खबर दी है कि सेबी एक महीने के भीतर वीकली एफएंडओ कॉन्ट्रैक्टों को समाप्त करने के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी कर सकता है। सीएनबीसी-टीवी18 ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी को आधार पर बताया है कि सेबी डिफाइंड ग्लाइड पाथ के साथ मंथली एक्सपायरी की ओर बदलाव की योजना पर काम कर रहा है। इसके साथ ही सभी एक्सचेंजों में एक ही दिन एक्सपायरी रखने पर भी विचार कर सकता है।
सीएनबीसी-टीवी18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सेबी बोर्ड को 12 सितंबर को लंबे डेरिवेटिव अवधि के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा एक्सचेंजों के साथ परामर्श अगले सप्ताह से शुरू होगा।
11 सितंबर को दोपहर 12 बजे के आसपास निफ्टी कैपिटल मार्केट्स इंडेक्स 1 फीसदी गिरकर 4,292 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, एंजेल वन लगभग 4 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
पिछले महीने सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने इक्विटी डेरिवेटिव्स की अवधि बढ़ाने की जरूरत के बारे में बात की थी और कहा था कि इस संबंध में जल्द ही एक कंसल्टेशन जारी किया जाएगा। चेयरमैन ने आगे कहा था कि लंबी अवधि के डेरिवेटिव्स पर अभी 'विचार' चल रहा है और इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी फ़ैसले से पहले इंडस्ट्री से सलाह-मशविरा किया जाएगा।
इक्विटी डेरिवेटिव्स कारोबार हाल के दिनों में चर्चा में रहा है। सेबी ने ट्रेडिंग वॉल्यूम को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, सेबी ने प्रति एक्सचेंज केवल एक वीकली कॉन्ट्रैक्ट की अनुमति दी है और साथ ही कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी तिथि भी तय की है। कुछ लोगों को डर है कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की अवधि बढ़ाने का कोई भी कदम बीएसई और ब्रोकिंग कंपनियों के कारोबार के वॉल्यूम को प्रभावित कर सकता है।