बजट 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में फर्टिलाइजर सब्सिडी (fertiliser subsidies) के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किये। सरकार द्वारा निर्धारित की गई सब्सिडी वित्त वर्ष 23 के 2.25 लाख करोड़ रुपये से 22 प्रतिशत कम रही। सरकार द्वारा फर्टिलाइजर सेक्टर को कम आवंटन दिये जाने की वजह से फर्टिलाइजर शेयरों में कमजोरी नजर आई। वित्त मंत्री के भाषण के समापन पर बजट दस्तावेज (budget documents) जारी होने के बाद शेयर बाजार में लिस्ट हुए फर्टिलाइजर सेक्टर्स के शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
बजट दस्तावेज जारी होने के बाद चंबल फर्टिलाइजर्स, नेशनल फर्टिलाइजर्स, जीएसएफसी और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स ( Chambal Fertilisers, National Fertilisers, GSFC and Rashtriya Chemicals and Fertilisers) के शेयर के भाव में 3-4 प्रतिशत की गिरावट आई।
निर्माताओं या आयातकों को उत्पादन या आयात और वितरण (या आपूर्ति की लागत) की अतिरिक्त लागत के रूप में फर्टिलाइजर सब्सिडी का भुगतान किया जाता है। ये केंद्र द्वारा निर्देशित और किसानों से वसूले जाने वाले अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक मूल्य को कवर करने के लिए सरकार द्वारा फर्टिलाइजर सेक्टर को सहायता राशि के रूप में दी जाती है।
हालांकि पिछले कुछ दिनों में उर्वरक स्टॉक में तेजी देखने को मिली थी। प्रमुख रूप से कुछ कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की उम्मीद में फर्टिलाइजर्स शेयर्स में तेजी नजर आई थी।
बाजार के निवेशकों और ट्रेडर्स को उम्मीद थी कि बजट 2023 में फॉस्फोरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर आयात शुल्क कम किया जा सकता है। ऐसा करके घरेलू फॉस्फेटिक उर्वरक निर्माताओं (domestic phosphatic fertiliser manufacturers) को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से बदलाव किये जाने की उम्मीद थी।
भारत (India) फर्टिलाजर के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। भारत को इसके विशाल कृषि क्षेत्र की उपज को बढ़ावा देने की जरूरत है। भारत में कृषि सेक्टर की आर्थिक उत्पादन में लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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