Budget 2025: सरकार यूनियन बजट में बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़े ऐलान करने जा रही है। इसका फायदा उन बैंकों और एनबीएफसी को मिलेगा, जिनकी वित्तीय सेहत अच्छी है। जिनका एनपीए कम है। साथ ही लोन-डिपॉजिट रेशियो अच्छा है। इस लिहाज से कुछ प्राइवेट और सरकारी बैंकों के स्टॉक्स अट्रैक्टिव दिख रहे हैं। बजट के बाद उनमें अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है।
लोन और डिपॉजिट रेशियो में सुधार की एचडीएफसी बैंक की कोशिशों के अच्छे नतीजें दिखे हैं। FY27 में इस रेशियो के करीब 87 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान है। एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है। एचडीएफसी बैंक को टर्म डिपॉजिट बढ़ाने में भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है। इसकी बड़ी वजह इसका स्ट्रॉन्ग कस्टमर बेस है। एसेट क्वालिटी के मामले में HDFC Bank दूसरे बैंकों के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है। 31 जनवरी के एचडीएफसी बैंक का शेयर दोपहर में 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 1700 रुपये पर चल रहा था। बीते एक साल साल में बैंक के शेयरों ने 16 फीसदी का रिटर्न दिया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का लोन और डिपॉजिट रेशियो स्टेबल है। एक्सिस सिक्योरिटीज का कहना है कि बैंक को इस रेशियो को करेंट लेवल पर बनाए रखने की कोशिश करनी होगी। क्रेडिट ग्रोथ को भी बैलेंस करना होगा। हालांकि, इस मामले में बैंक के पास ज्यादा गुंजाइश नहीं है। रेगुलेटरी चेंजेज का असर शॉर्ट टर्म में बैंक ऑफ बड़ौदा के मार्जिन पर पड़ सकता है। हालांकि, Bank of Baroda अपने रिटेल पोर्टफोलियो के विस्तार पर फोकस कर रहा है। इससे मीडियम टर्म में मार्जिन में इजाफा देखने को मिल सकता है। 31 जनवरी को बैंक का शेयर 4 फीसदी गिरकर 213 रुपये पर चल रहा था। बीते एक साल में यह स्टॉक करीब 14 फीसदी गिरा है।
आईसीआईसीआई की बैलेंसशीट अच्छी है। बीएनपी पारिबा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आईसीआईसीआई बैंक ने काफी ज्यादा प्रोविजनिंग की है। बैंक को उसके स्ट्रॉन्ग CASA रेशियो का भी फायदा मिलेगा। इससे दूसरे बैंकों के मुकाबले ICICI Bank की फंडिंग कॉस्ट कम रहने की उम्मीद है। इससे बैंकों को अपना लोन पोर्टफोलियो बढ़ाने में मदद मिलेगी। बेहतर कस्टमर सर्विसेज की बदौलत यह फिर से अपनी मजबूत साख बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, बैंक के अनसेक्योर्ड क्रेडिट पोर्टफोलियो पर थोड़ा दबाव देखने को मिला है। 31 जनवरी को आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 0.55 फीसदी की गिरावट के साथ 1,247 रुपये चल रहा था। बीते एक साल में यह स्टॉक 21 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है।
बजाज फाइनेंस को टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और यूज्ड कार लोन के मामले में कुछ चैलेंजेज का सामना करना पड़ा है। हालांकि, कंपनी को प्रोडक्ट डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिला है। इसका कस्टमर बेस भी काफी व्यापक है, जिसका फायदा कंपनी को मिलता है। FY26-27 में बजाज फाइनेंस का रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) 4.6 फीसदी और रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 19-20 फीसदी पहुंच जाने का अनुमान है। 31 जनवरी को बजाज फाइनेंस का शेयर दोपहर मं 0.19 फीसदी की मामूली कमजोरी के साथ 7,885 रुपये चल रहा था। बीते एक साल में इस स्टॉक ने करीब 15 फीसदी का रिटर्न दिया है।