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Insurance Stocks: 100% FDI पर इंश्योरेंस स्टॉक्स रॉकेट, लेकिन वित्त मंत्री ने जोड़ी है यह बड़ी शर्त

Insurance Stocks: इंश्योरेंस सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें थीं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंश्योरेंस सेक्टर के लिए बजट में काफी बड़ा ऐलान किया भी और उन्होंने विदेशी निवेशकों के लिए इसे पूरी तरह से खोल दिया है यानी कि अब इस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई आ सकती है लेकिन एक खास शर्त के साथ

अपडेटेड Feb 01, 2025 पर 1:48 PM
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वित्त मंत्री के ऐलान पर मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट बढ़ाए जाने से प्रॉफिट मार्जिन बेहतर होगा। इसके अलावा इस सेक्टर की और कंपनियां मार्केट में लिस्ट हो सकती हैं।

Insurance Stocks: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज बजट में इंश्योरेंस सेक्टर को लेकर गेमचेंजर ऐलान किया। उन्होंने देश के इंश्योरेंस सेक्टर को विदेशी निवेशकों के लिए पूरी तरह से खोल दिया है और अब इस सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई आ सकता है। पहले यह सीमा 74 फीसदी थी। इसके चलते इंश्योरेंस सेक्टर की दिग्गज कंपनियों एलआईसी (LIC), एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life), न्यू इंडिया एश्योरेंस (New India Assurance), एसबीआई लाइफ (SBI Life), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ (ICICI Prudential Life) और स्टार हेल्थ (Star Health) के शेयर तीन फीसदी तक उछल गए।

सिर्फ इन निवेशकों को मिलेगी 100% FDI के नियम का फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा को 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा कि यह बढ़ी हुई सीमा उन निवेशकों पर ही लागू होगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करेंगे।


Moody's ने गिनाया यह फायदा

वित्त मंत्री के ऐलान पर मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट बढ़ाए जाने से प्रॉफिट मार्जिन बेहतर होगा। इस सेक्टर में भारी पूंजी आएगी और वित्तीय रिजर्व मजबूत होगा। इसके अलावा इस सेक्टर की और कंपनियां मार्केट में लिस्ट हो सकती हैं। इंश्योरेंस कंपनियां पहले ही उम्मीद कर रही थीं कि एफडीआई की सीमा बढ़ाई जा सकती है। सरकार ने इस सीमा को बढ़ाने के लिए पहले इंश्योरेंस एक्ट, 1938 में बदलाव का प्रस्ताव रखा था लेकिन अब वित्त मंत्री ने आखिरकार इसका ऐलान कर ही दिया।

अब इंश्योरेंस सेक्टर को इन राहतों का है इंतजार

एक्सिस सिक्योरिटीज ने बजट के पहले हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस को और अधिक अफोर्बेडल बनाने के लिए इन पर जीएसटी रेट घटाने का सुझाव दिया था। इसके अलावा ब्रोकरेज फर्म ने इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाने का भी सुझाव दिया था। अब बजट में इन पर चर्चा नहीं हुआ तो इन पर इंतजार फिलहाल लंबा हो गया है। हालांकि वित्त मंत्री ने कहा है कि अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा तो एनालिस्ट्स की नजर उस पर रहेगी कि क्या टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट में कोई बदलाव होता है या नहीं।

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