Budget day trading plan : बजट के दिन, बाजार में बहुत ज्यादा वोलैटिलिटी ट्रेडिंग को चुनौतीपूर्ण बना सकती है। इससे निपटने के लिए,बाजार जानकार जोखिम प्रबंधन और प्रभावी ढंग से ट्रेड करने के लिए जरूरी रणनीतियों की सलाह देते हैं। एसबीआई सिक्योरिटीज के सुदीप शाह का कहना है कि निफ्टी या सेंसेक्स में हर बदलाव पर प्रतिक्रिया करने के प्रलोभन से बचें। केवल तभी ट्रेड करें जब एक अच्छी तरह से परिभाषित सेटअप आपकी रणनीति के साथ मिलता हो। बहुत ज्यादा लीवरेज या सिर्फ़ एक या दो स्टॉक पर दांव लगाने से बचें। बजट के दिन,सेक्टोर एलानो का महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है, इसलिए विविधता लाना बेहतर रहता है। अचानक होने वाले उलटफेर से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए, हमेशा अपने ट्रेड को हेज करके रखें। जब तक कि मजबूत पुष्टि न हो काउंटर-ट्रेंड रणनीतियों से बचें। बाजार 364 और ट्रेडिंग दिन प्रदान करता है। चुनिंदा शेयरों पर ही फोकस करें। अपनी पूंजी की सुरक्षा पर फोकस करें। यदि कोई ट्रेड आपके खिलाफ जाता है, तो भावनाओं में न बहें,अनुशासन के साथ बाहर निकलें।
ट्रेड डेल्टा की प्रीति के छाबड़ा की सलाह है कि आम तौर पर, हाई इंडिया VIX लेवल डेरिवेटिव ट्रेडर्स और ऑप्शन सेलर्स के लिए एक बेहतर मौका पेश करते हैं, जो वोलैटिलिटी से अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। हालांकि, 17-18 के हाई VIX के साथ, महंगे ऑप्शन प्रीमियम खरीदना अनुकूल नहीं हो सकता है,क्योंकि भले ही बाजार प्रत्याशित दिशा में आगे बढ़े, लेकिन अस्थिरता में गिरावट से प्रीमियम क्रश हो सकता है, जिससे संभावित लाभ या हानि सीमित हो सकती है।
वोलैटिलिटी से प्रभावी रूप से निपटने के लिए,ट्रेडरों को ऐसी रणनीति अपनानी चाहिए जो वोलैटिलिटी संकुचन से लाभ उठाती हो। इसलिए एक संतुलित नजरिया,जिसमें ऑप्शन खरीदना और बेचना दोनों शामिल हों - जैसे कि रेशियो स्प्रेड या डायरेक्शनल बटरफ्लाई स्प्रेड - वोलैटिलिटी के असर को कम करने में मदद कर सकता है और कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
ध्यान रखें, उचित पोजीशन साइजिंग, ट्रेडर की जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक होनी चाहिए। गलत पोजीशन साइजिंग से ट्रेडर को बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, जिससे संभावित रूप से काफी नुकसान हो सकता है, जिसकी भरपाई में महीनों लग सकते हैं।
इसके अतिरिक्त,ऑर्डर एक्जीक्यूट करते समय, मार्केट ऑर्डर के बजाय लिमिट ऑर्डर का इस्तेमाल करना सही रहता है। यह प्रतिकूल कीमतों पर सौदे के निपटान को रोकने में मदद करता है और स्लिपेज को कम करता है, जिससे अचानक कीमतों में होने वाले उलट फेर के कारण एंट्री और एक्जिट प्राइस पर बेहतर नियंत्रण मिलता है।
लीडिंग क्रेडिट ब्यूरो में ऑपरेशनल रिस्क की एवीपी पल्लवी गांधी का कहना है कि बाजार में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए स्टॉप लॉस अनिवार्य है। सख्त स्टॉप लॉस रखें। आप बाजार की स्थितियों के आधार पर स्टॉप लॉस बदल सकते हैं। पल्लवी गांधी का कहना है कि उन क्षेत्रों पर नज़र रखें जहां सरकारी सब्सिडी की घोषणा की गई है। इन शेयरों को फ़ायदा होगा और ये जल्दी ही रुख बदल सकते हैं। सेंटीमेंट ट्रेडिंग में न पड़ें, अपनी पोजीशन का आकार छोटा रखें। हमेशा छोटे मुनाफ़े बुक करना अच्छा होता है
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