हैपी फोर्जिंग्स (Happy Forgings), क्रेडो ब्रांड्स (Credo Brands) और आरबीजेड ज्वैलर्स (RBZ Jewellers) के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में फीकी से लेकर शानदार एंट्री रही लेकिन पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशकों की पूंजी में अच्छी बढ़ोतरी रही। हैपी फोर्जिंग्स के शेयर करीब 18 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट होने के बाद दिन के आखिरी में 1029.80 रुपये पर बंद हुए हैं यानी कि आईपीओ निवेशकों की पूंजी 21 फीसदी बढ़ी। आरबीजेड ज्वैलर्स के शेयरों ने एकदम फ्लैट एंट्री मारी थी लेकिन फिर इसने स्पीड पकड़ी और 104.99 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंचकर बंद हुआ यानी आईपीओ निवेशक करीब 5 फीसदी मुनाफे में हैं।
अब क्रेडो ब्रांड्स की बात करें तो इसकी महज 0.71 फीसदी प्रीमियम पर लिस्टिंग हुई लेकिन फिर उछलकर BSE पर यह 311.55 रुपये पर बंद हुआ यानी कि आईपीओ निवेशक अब 11 फीसदी मुनाफे में हैं। आज मजबूत मार्केट सेंटिमेंट ने इनकी एंट्री को अच्छा सपोर्ट दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मुनाफा निकाल लेना चाहिए या अभी बने रहें?
हैपी फोर्जिंग्स की बंपर लिस्टिंग के बावजूद स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट की वेल्थ हेड शिवानी न्याति का मानना है कि निवेशकों के लिए यह कंपनी मिली-जुली है। ऐसे में कोई भी फैसला लेने से पहले दोनों साइड का कायदे से वैल्यूएशन कर लें और फिर फैसला लें। शिवानी ने आईपीओ निवेशकों को 900 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाने की सलाह दी है। हालांकि जिन्हें मुनाफा बुक करना है, वे निकल सकते हैं। वहीं स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट ध्रुव मुदारड्डी ने निवेशकों को मुनाफा बुक करने की सलाह दी है और बाद में कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के हिसाब से इसमें निवेश पर फैसला लेने को कहा है।
धीमी एंट्री के बाद क्रीडो ने स्पीड पकड़ी और पहले दिन के आखिरी में आईपीओ निवेशक करीब 11 फीसदी मुनाफे में हैं। शिवानी ने अनिश्चितता को देखते हुए सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने सलाह दी है कि अगर कोई निवेशक मुनाफा निकालना चाहता है तो निकाल लें और जो होल्ड करना चाहते हैं, वे स्टॉप लॉस लगाकर होल्ड कर सकते हैं।
शिवानी के मुताबिक आरबीजेड ज्वैलर्स की फीकी लिस्टिंग ने आईपीओ निवेशकों के सतर्क रुख को सच साबित किया। उनका मानना है कि कंपनी का फंडामेंटल काफी मजबूत है और वैल्यूएशन भी बढ़िया है लेकिन रिस्क को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है। इसके कारोबार में गोल्ड की कीमत में अस्थिरता, ग्राहकों की कमी, कारीगरों की अनौपचारिक व्यवस्था और हाई कॉम्पटीशन जैसे रिस्क हैं। ऐसे में उन्होंने निवेशकों को मुनाफा निकालने की सलाह दी है। कंपनी के कारोबार से जुड़े और रिस्क भी हैं जैसे कि कोई फिक्स्ड सप्लाई अरेंजमेंट्स न होना यानी कि कच्चे माल की सप्लाई में दिक्कत आई तो इसका कारोबार प्रभावित हो सकता है।
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