सेंसेक्स और निफ्टी ने इस साल अब 12-12 फीसदी की अच्छी तेजी दिखाई है। इस तेजी ने बाजार की तरफ निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन इस साल की बाज़ार रैली के असली सितारे बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स रहे हैं। इनमें 28 फीसदी और 31 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। इस उत्साह के बावजूद, एक्सिस सिक्योरिटीज के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर नवीन कुलकर्णी बाजार में सावधानी बरतने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि मार्केट ब्रेड्थ अब संकुचन के कगार पर है।
स्मॉल कैप स्पेस के कुछ शेयरों में अब तक काफी जोश देखने को मिला था। लेकिन अब ये महंगे दिख रहे हैं। अब इनको लेकर चिंता दिख रही है। चिंता इस बात को लेकर है कि कई स्मॉल-कैप कंपनियों का बाजार काफी सीमित है। लेकिन उनके मौजूदा भाव के आधार पर उनकी ग्रोथ संभावनाएं तुलनात्मक रुप से काफी कम है। ऐसे में इन शेयरों का महंगा वैल्यूएशन एक बड़ा जोखिम हो सकता है।
मिड और स्मॉल कैप हुए महंगे
बाजार पर अपने विचार साझा करते हुए नवीन ने आगे कहा कि हाल की बाजार की रैली ने स्मॉल और मिडकैप ने जोरदार भागीदारी की है जबकि लार्जकैप तुलनात्मक रूप से सुस्त रहा है। वित्त वर्ष 2023 की सुस्ती के बाद वित्त वर्ष 2024 में स्मॉल और मिडकैप सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट क्लास रहे हैं। बता दें कि वित्त वर्ष 2023 में स्मॉलकैप ने लार्जकैप की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया था। लेकिन नवीन का ये भी कहना कि अब मिड और स्मॉल कैप महंगे हो गए हैं। पिछले इतिहास पर नजर डालें तो साफ होता है कि अत्यधिक उत्साह लंबे समय तक टिकाऊ नहीं होता है। अगर कुछ खास शेयरों को छोड़ दें तो अब मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों ओवरवैल्यूड लग रहें। इनमें सावधानी बरतने की जरूरत है। लंबी अवधि के नजरिए से मिडकैप और स्मॉलकैप अभी भी अच्छे लग रहे हैं। लेकिन इनमें अब बीच-बीच में करेक्शन की उम्मीद है। स्मॉलकैप फुल्ली वैल्यूड शेयरों में मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए।
जब नवीन कुलकर्णी से क्वालिटी मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कि उनको इन स्पेस में ग्लैक्सोस्मिथलाइन फार्मा और जिलेट पसंद है। उन्होंने कहा कि हमें इस समय ऐसे शेयरों से बचना चाहिए जिनका भाव उनकी ग्रोथ की संभावनाओं से ज्यादा नजर आ रहा है।
लार्ज-कैप सेगमेंट का वैल्यूएशन सही
लार्ज-कैप शेयरों पर बात करते हुए नवीन कुलकर्णी ने कहा कि निफ्टी 50 का प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) रेशियो एक साल की आगे की अर्निंग पर लगभग 18 गुना है। हालांकि रिटर्न ऑन इक्विटी(आरओई) में सुधार और कैपिटल यूटिलाइजेशन में हुई ग्रोथ को देखते हुए लार्ज-कैप सेगमेंट का वैल्यूएशन सही दिख रहा है। आगे इनमें ग्रोथ जारी रह सकती है।
आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और आरबीएल बैंक में दिखेगी तेजी
उन्होंने आगे कहा बीएफएसआई, पीएसयू माइक्रोफाइनेंस, निजी बैंकों, ऑटो, ऑटो एंसिलरी और खपत वाले शेयरों में आगे तेजी देखने को मिल सकती है। बैंकिंग सेक्टर में नवीन को आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और आरबीएल बैंक जैसे शेयर अच्छे लग रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आईटी सेक्टर में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
नवीन ने आईटी पर बात करते हुए कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजे उपलब्ध होने तक इस सेक्टर के आउटलुक का अनुमान लगाना मुश्किल है। आईटी शेयरों का वैल्यूएशन महंगा बना हुआ है। ये सेक्टर अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से 15-16 फीसदी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। आईटी का प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करेगा कि दूसरी तिमाही इनके लिए कैसी रहती है। ऐसे में हम निश्चिततौर पर नहीं कह सकते कि मौजूदा प्रीमियम बरकरार रहेगा या नहीं।
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