Get App

सरकार ने CPSE के शेयर बायबैक और डिविडेंड के लिए नई गाइडलाइंस जारी की, जानिए क्या है इसका मतलब

केंद्र सरकार ने बीएसई और एनएसई में लिस्टेड सरकारी कंपनियों के शेयर बायबैक और डिविडेंड के पेमेंट के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। नई गाइडलाइंस फाइनेंशियल ईयर 2024-25 से लागू है। इससे पहले सरकार ने CPSE के शेयर बायबैक और डिविडेंड के लिए 2016 में गाइडलाइंस जारी की थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 19, 2024 पर 12:31 PM
सरकार ने CPSE के शेयर बायबैक और डिविडेंड के लिए नई गाइडलाइंस जारी की, जानिए क्या है इसका मतलब
नई गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि लगातार दो स्टॉक स्प्लिट के बीच कम से कम तीन साल का अंतर (Cooling off Period) होना चाहिए।

सरकार ने स्टॉक मार्केट्स में लिस्टेड सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की कैपिटल रीस्ट्रक्चरिंग गाइडलाइंस बदल दी है। नई गाइडलाइंस शेयर बायबैक और डिविडेंड्स पर भी लागू होंगी। सरकार ने कैपिटल मार्केट्स की स्थितियों को देखते हुए यह कदम उठाया है। इससे पहले सरकार ने शेयर बायबैक और डिविडेंड के लिए 2016 में गाइडलाइंस जारी की थी। उसके बाद से कैपिटल मार्केट्स में बड़ा बदलाव आया है।

फाइनेंशियल सेक्टर के सीपीएसई के लिए अलग नियम

नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि एनबीएफसी जैसे फाइनेंशियल सेक्टर के CPSE को अपने प्रॉफिट का कम से कम 30 फीसदी न्यूनतम सालाना डिविडेंड के रूप में देना होगा। दूसरे सीपीएसई को अपने प्रॉफिट का कम से कम 30 फीसदी या नेटवर्थ का 4 फीसदी (दोनों में से जो ज्यादा) एनुअल डिविडेंड के रूप में देना होगा। नई गाइडलाइंस फाइनेंशियल ईयर 2024-25 से लागू हो गई है।

पहले सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस में क्या था

सब समाचार

+ और भी पढ़ें