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RBI की तरफ से ब्याज दरों में जल्द कटौती की संभावना कम, घरेलू इकोनॉमी पर फोकस्ड स्टॉक्स में होगी कमाई

Waterfield Advisors के अजीम अहमद ने कहा कि भारत में ब्याज दरों के कटौती की संभावना बहुत कम दिख रही है। क्योंकि अगर अमेरिका और भारत के ब्याज दरों का अंतर और कम होता है तो देश में वित्तीय घाटा बढ़ता नजर आ सकता है। इस स्थिति में आरबीआई कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड May 19, 2023 पर 12:27 PM
RBI की तरफ से ब्याज दरों में जल्द कटौती की संभावना कम, घरेलू इकोनॉमी पर फोकस्ड स्टॉक्स में होगी कमाई
अजीम ने कहा कि अगर ग्लोबल वित्तीय मार्केट में स्थिरता आती है तो इंडियन इक्विटी मार्केट जल्द ही नया हाई लगाता दिख सकता है

भारत और अमेरिका के पॉलिसी रेट में 125 बेसिस प्वाइंट यानी 1.25 फीसदी का अंतर है। यह अंतर कई दशकों के निम्न लेवल पर है। ऐसे में ब्याज दरों में जल्द कटौती की उम्मीद नहीं है। दोनों देशों के ब्याज दरों में कम अंतर भारत के करेंट अकाउंट को संवेदनशील बना देता है। ये बातें Waterfield Advisors के अजीम अहमद (Azeem Ahmad) ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कही हैं। कैपिल और इक्विटी मार्केट का 20 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अजीम का मानना है कि इस समय परंपरागत निवेश विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए।

अजीम अहमद ने आगे कहा कि भारतीय बाजार इस समय घरेलू इकोनॉमी पर आधारित स्टॉक्स पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं। ग्लोबल इकोनॉमी पर निर्भर स्टॉक्स को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ऐसे में घरेलू बाजार पर निर्भर सेक्टरों पर नजर रहनी चाहिए। घरेलू बाजार में कारोबार करने वाली फार्मा कंपनियां और पावर यूटिलिटीज के स्टॉक निवेश के नजरिए से अच्छे लग रहे हैं।

अप्लायंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में जोरदार ग्रोथ की उम्मीद

इस बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में डिस्पोजेबल इनकम में बढ़ोतरी और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के चलते कंज्यूमर ड्यूरेबल गुड्स की डिमांड बढ़ रही है। 2021 में भारत में अप्लायंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री का बाजार 9.84 अरब डॉलर का था। 2025 तक यह बाजार दो गुना बढ़कर 21.18 अरब डॉलर का होने की संभावना है। 2021 में फ्रिज, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर का बाजार क्रमश: 3.82 अरब डालर, 8.43 अरब डॉलर और 3.84 अरब डॉलर का था।

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