China-West Tension and India: चीन और पश्चिमी देशों के बीच तनाव के चलते भारत में मैन्यूफैक्चरिंग की मजबूत ग्रोथ का माहौल तैयार हो रहा है। चीन और पश्चिम की लड़ाई के बीच कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सामानों को तैयार करने के लिए बैकअप प्लान बना रही हैं। अब ऐसे में चीन+1 (China+1) स्ट्रेटजी यानी कि चीन के अलावा किसी और देश में अपने प्लांट स्थापित करने के लिए कंपनियां जगह तलाश रही हैं तो इसे लेकर भारत मजबूत विकल्प पेश करता है क्योंकि यहां काम करने वालों की बड़ी संख्या मौजूद है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि किस सेक्टर के स्टॉक या किस कंपनी के शेयरो में पैसे लगाने चाहिए, इसे लेकर एशिया में वित्तीय सेवाओं और इंडस्ट्रियल कंपनीज के जानकार एंडी मुखर्जी ने डिक्सन टेक (Dixon Tech) पर दांव लगाया है। मुखर्जी के मुताबिक बैंकों के एसेट क्वालिटी और मार्जिन में सुधार दिख रहा है लेकिन इनमें ग्रोथ सुस्त रह सकती है। इसके अलावा आईटी सेक्टर की बात करें तो यूरोप से कमजोर मांग के चलते ग्रोथ पर असर दिख सकता है।
Dixon Tech में तेजी को लेकर दिखने लगे हैं संकेत
पिछले साल तक घरेलू मार्केट में लिस्टेड डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया (Dixon Technologies India) के बारे में लोगों की जानकारी कम थी। यह कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स या अंबर एंटरप्राइजेज के लिए एलईडी टीवी और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एयर कंडीशनर पार्ट्स बनाती है। यह कंपनी पहले कम प्रचलित थी लेकिन अब माना जा रहा है कि यह फ्लेक्स लिमिटेड (पूर्व नाम फ्लेक्सट्रॉनिक्स) जैसी कंपनी की तरह बड़ी और अहम कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी बन सकती है।
डिक्सन टेक को लेकर स्टॉक मार्केट का रूझान दिख रहा है और महज ढाई साल में इसका मार्केट कैप छह गुना बढ़कर 300 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। ताइवान की पर्सनल कंप्यूटर बनाने वाली दिग्गज कंपनी एसर (Acer) ने पिछले साल डिक्सन के साथ साझेदारी का ऐलान किया था।
इसका हेडक्वार्टर नोएडा में स्थित है और यह पहले से ही डेल के मॉनीटर बनाती है और जल्द ही अल्फाबेट के सब-लाइसेंस के तहत एंड्रॉयड आधारित स्मार्ट टीवी लेकर आने वाली है। सितंबर तिमाही में कंपनी की बिक्री सालाना आधार पर 38 फीसदी और मुनाफा 23 फीसदी बढ़ गया।
एनालिस्ट्स का बुलिश रूझान
डिक्सन की ग्रोथ को लेकर एनालिस्ट्स का रूझान बुलिश दिख रहा है। ब्रोकरेज फर्म Nirmal Bang के एनालिस्ट्स के मुताबिक 2022 से 2025 के बीच कंपनी का मुनाफा 52 फीसदी से अधिक सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ सकता है।
जेफरीज फाइनेंशियल ग्रुप इंक के मुताबिक यह 52 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ सकता है। इसके अलावा डिक्सन के लिए प्लस प्वाइंट ये है कि यह भारत सरकार से पांच अलग-अलग प्रकार के पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) कार्यक्रमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए एलिजिबिल है।
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