RBI News: आने वाले दिनों में को-लेंडिंग कारोबार से जुड़ी कंपनियों की मुश्किल बढ़ सकती है। CNBC-TV18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक को-लैंडिंग करार की जांच RBI कर रहा है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए CNBC-TV18 की संवाददाता ऋतु सिंह ने बताया की को-लैंडिंग करार RBI के रडार पर है। सू्त्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक RBI को-लैंडिंग करार की जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक को-लैंडिंग करार के बाद दरों में आई उछाल की जांच की जा रही है। RBI अनरेगुलेटेड एंटीटीज के बीच पार्टनरशिप से नाखुश है।
सू्त्रों के मुताबिक RBI अनसिक्योर्ड लोन सेगमेंट में बढ़ती पार्टनरशिप की जांच कर रहा है। क्रिसिल की 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक को-लैंडिंग AUM में पर्सनल लोन की 34 फीसदी हिस्सेदारी है। पहले भी RBI ने को-लेंडिंग करार पर चुनिंदा लेंडर्स को आगाह किया था। आरबीआई ने लेंडर्स को डील्स पर बारीक नजर रखने और डराइटिंग को सख्त करने को कहा था। को-लैंडिंग करार को लेकर बैंक, NBFCs के बीच टेक करार पर भी RBI ने चेताया था।
RBI गाइडलाइन 2018 & 2020 में बैंक/NBFC में को-लैंडिंग करा की बात की गई है। ये करार भी प्रायरटी सेक्टर को कर्ज देने से जुड़ा है। इन गाइडलाइन्स में NBFC से NBFC को-लैंडिंग की बात नहीं थी। RBI की 2022 डिजिटल लैंडिंग गाइडलाइन्स में इस पर सफाई आई है। CNBC-TV18 ने RBI से इस पर जवाब मांगा है। अभी तक RBI से सफाई आने का इंतजार है।
बता दें की भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने को-लेंडिंग मॉडल (CLM) स्कीम की घोषणा की थी। इसके तहत बैंक, NBFC के साथ मिलकर प्रायोरिटी सेक्टर को लोन दे सकते हैं। स्कीम के तहत लोन देने के लिए बैंक और NBFC पहले से एग्रीमेंट कर सकते हैं।, CLM को-ओरिजिनेशन ऑफ लोन स्कीम का संशोधित रूप है, जिसकी घोषणा RBI ने सितंबर 2018 में की थी। अब इन्ही करारों में अनियमितता पाए जाने पर आरबीआई एक्शन मोड में है।