Cochin Shipyard Shares: देश की सबसे बड़ी शिपबिल्डिंग और मेंटेनेंस कंपनी कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में आज बिकवाली का इतना तेज दबाव है कि यह 4 फीसदी से अधिक टूट गया। इसके शेयरों में गिरावट की वजह ऑफर फॉर सेल इश्यू है। इस इश्यू के तहत सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी हल्की कर रही है लेकिन शेयरों की जो बिक्री हो रही है, वह पिछले कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस से करीब 7 फीसदी डिस्काउंट पर है। इस इश्यू के लिए सरकार ने 1540 रुपये प्रति शेयर का भाव फिक्स किया है जबकि एक कारोबारी दिन पहले BSE पर यह 1672.00 रुपये पर बंद हुआ था। ऐसे में आज जब ऑफर फॉर सेल इश्यू खुला तो BSE पर यह 4.99 फीसदी की गिरावट के साथ 1588.50 रुपये के भाव पर आ गया और इसी पर बंद भी हुआ।
Cochin Shipyard में सरकार की कितनी है हिस्सेदारी?
सरकार कोचीन शिपयार्ड में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के हिसाब से सरकार के पास इसके 19,16,86,928 शेयर हैं जो कंपनी की 72.86 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। अब ऑफर फॉर सेल के तहत सरकार 2.5 फीसदी के ग्रीन शू ऑप्शन के साथ कुल 1.32 लाख शेयरों को सरकार बेच रही है। अभी यह इश्यू नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए खुला है और खुदरा निवेशकों के लिए यह कल 17 अक्टूबर को खुलेगा
कैसी है कोचीन शिपयार्ड की कारोबारी सेहत
कोचीन शिपयार्ड के शेयरों ने निवेशकों की शानदार कमाई कराई है। पिछले साल 26 अक्टूबर 2023 को यह एक साल के निचले स्तर 435.75 रुपये पर था। इस निचले स्तर से 8 महीने में यह 583 फीसदी से अधिक उछलकर 8 जुलाई 2024 को एक साल के रिकॉर्ड हाई 2977.10 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि शेयरों की यह तेजी थम गई और फिलहाल इस हाई से यह 46 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है।
अब कंपनी के कारोबारी सेहत की बात करें तो जून 2024 तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा 77 फीसदी उछलकर 174.2 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि तिमाही आधार पर इसका मुनाफा 33 फीसदी गिरा है क्योंकि मार्च तिमाही में इसे 258.8 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। सितंबर के आखिरी तक इसका ऑर्डरबुक 22,500 करोड़ रुपए था और शिपबिल्डिंग प्रोजेक्ट्स के लिए इसके पास 7820 करोड़ रुपये का ऑर्डर पाइपलाइन था।