सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन पर टेलीकॉम कंपनियों ने अब सीधे प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक टेलीकॉम इंडस्ट्री के दिग्गजों ने सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की। कंपनियों ने फिलहाल आवंटन को टालने की मांग रखी है। इस खबर पर ज्यादा डिटेल के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन पर घमासान मचा हुआ है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में अब टेलीकॉम कंपनियों की प्रधानमंत्री से दखल की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक इंडस्ट्री दिग्गजों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को इनकी PMO में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात हुई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अभी कंपनियों ने स्पेक्ट्रम आवंटन को टालने की मांग रखी है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि जब तक सैटेलाइट सेवाओं का विस्तार नहीं हो तब आवंटन टाला जाए। सैटेलाइट कंपनियों और टेलीकॉम कंपनियों के बीच इस मुद्दे पर विवाद है। टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहती हैं। वहीं, सैटेलाइट कंपनियां स्पेक्ट्रम आवंटन चाहती हैं। TRAI को इसी महीने आवंटन पर अपनी सिफारिश से देनी है।
सेटेलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर टेलीकॉम कंपनियां और एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक आमने सामने है। टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहती है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि नीलामी नहीं होना लेवल प्लेइंग फील्ड की खिलाफ है। वहीं, मस्क की स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर जैसे ग्लोबल प्रतिस्पर्धियों ने प्रशासनिक आवंटन का समर्थन किया है। अंबानी की रिलायंस जियो नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम के आवंटन पर जोर दे रही है, ताकि उन पुराने ऑपरेटरों को समान अवसर उपलब्ध कराया जा सके जो स्पेक्ट्रम खरीदते हैं, टेलीकॉम टावर जैसे बुनियादी ढांचे की स्थापना करते हैं।