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Crude Oil Effect on Stock Market: कच्चे तेल की नरमी पर पेंट और टायर स्टॉक्स बने रॉकेट, क्रूड ऑयल में इस कारण आई नरमी

Crude Oil Effect on Stock Market: कच्चे तेल की नरमी पर पेंट और टायर स्टॉक्स आज रॉकेट बन गए। कच्चे तेल के भाव 3 फीसदी से अधिक गिर गए। इसका असर घरेलू स्टॉक मार्केट में पेंट और टायर स्टॉक्स पर भी दिखा और ये 3 फीसदी तक उछल गए। जानिए कच्चे तेल के भाव क्यों नरम पड़े? इसका पेंट और टायर स्टॉक्स पर क्यों असर पड़ता है?

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 1:37 PM
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Crude Oil Effect on Stock Market: कच्चे तेल की नरमी से पेंट और टायर स्टॉक्स को फायदा मिलता है लेकिन दूसरी तरफ ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे ऑयल ड्रिलिंग जैसे स्टॉक्स पर कच्चे तेल की नरमी से निगेटिव असर पड़ता है।

Crude Oil Effect on Stock Market: कच्चे तेल की नरमी पर पेंट और टायर स्टॉक्स आज रॉकेट बन गए। कच्चे तेल में नरमी इसलिए आई है क्योंकि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने मांग के अनुमान में कटौती की है। इसके चलते कच्चे तेल के भाव 3 फीसदी से अधिक गिर गए। इसका असर घरेलू स्टॉक मार्केट में पेंट और टायर स्टॉक्स पर भी दिखा और ये 3 फीसदी तक उछल गए। एशियन पेंट्स के शेयर फिलहाल 1.46 फीसदी की बढ़त के साथ 3084.20 रुपये (इंट्रा-डे हाई 3096.00 रुपये), बर्जर पेंट्स के शेयर 1.88 फीसदी उछलकर 579.00 रुपये (इंट्रा-डे हाई 588.30 रुपये) और शालीमार पेंट्स 0.69 फीसदी की बढ़त के साथ 130.90 रुपये (इंट्रा-डे हाई 132.15 रुपये) पर पहुंच गए।

वहीं टायर स्टॉक्स में सीट के शेयर 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 3004.20 रुपये (इंट्रा-डे हाई 3032.95 रुपये) और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज के शेयर 0.72 फीसदी के उछाल के साथ 2998.10 रुपये (इंट्रा-डे हाई 3012.70 रुपये) पर पहुंच गए।

कच्चे तेल की नरमी से क्यों चढ़ा पेंट और ऑयल स्टॉक्स


कच्चे तेल की कीमतों का सबसे अधिक डेकोरेटिव पेंट बिजनेस पर पड़ता है क्योंकि इस बिजनेस में कच्चे माल का इस्तेमाल बहुत अधिक होता है। पेंट बनाने के लिए 300 से अधिक आइटम की जरूरत पड़ती है जिसमें से अधिकतर तो पेट्रोलियम से जुड़े प्रोडक्ट्स हैं। कच्चे माल का इनपुट कॉस्ट में 55-60 फीसदी हिस्सेदारी है और इसका सीधा असर ग्रॉस मार्जिन पर पड़ेगा। कच्चे तेल की नरमी से टाइटेनियम ऑक्साइड जैसे प्रोड्यूसिंग आइटम की भी लागत कम हो जाती है जो सफेद पेंट बनाने के लिए अहम इनग्रेडिएंट हैं।

वहीं टायर इंडस्ट्री की बात करें तो सिंथेटिक रबर के लिए ब्रेंट क्रूड अहम स्रोत है। इसके अलावा टायर बनाने के लिए और भी पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है। कच्चे तेल के भाव में नरमी से कच्चे माल की लागत कम होगी और टायर कंपनियों के लिए प्रोडक्शन कॉस्ट कम होगी यानी कि प्रॉफिट मार्जिन बढ़ेगा।

लेकिन इन इंडस्ट्री को लगता है झटका

कच्चे तेल की नरमी से पेंट और टायर स्टॉक्स को फायदा मिलता है लेकिन दूसरी तरफ ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे ऑयल ड्रिलिंग जैसे स्टॉक्स पर कच्चे तेल की नरमी से निगेटिव असर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्यों प्रॉफिट मार्जिन कम होने लगता है। इसकी वजह ये है कि जिस हिसाब से कच्चा तेल नरम होता है, उस हिसाब से रिफाइंड प्रोडक्ट्स के भाव जल्द नहीं गिरते हैं। जिन रिफाइनरीज के पास ऊंचे भाव पर खरीदे हुए इंवेंटरीज हैं, उन्हें झटका लगता है।

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