Indian rupee: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पारस्परिक टैरिफ योजना (reciprocal tariff plan) तत्काल लागू नहीं होने की राहत के बाद एशियाई मुद्राओं में बढ़त देखने की मिली है। इसके चलते डॉलर के मुकाबले रुपया भी 14 फरवरी को 5 पैसे की बढ़त के साथ खुला है। जिससे डॉलर इंडेक्स में भी मामूली गिरावट आई है। रुपया आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.8412 पर खुला और 86.8650 तक पहुंच गया। पिछले सत्र में यह 86.8963 के स्तर पर बंद हुआ था। दुनिया की छह प्रमुख करेंसियों के मुकाबले अमेरिकी करेंसी के मूल्य को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स शुरुआती कारोबार में गिरकर 107.123 पर आ गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 107.313 के स्तर पर बंद हुआ था।
एक दिन पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि अक्टूबर 2021 से जनवरी 2025 तक सभी प्रमुख एशियाई मुद्राओं का मूल्यह्रास हुआ है। वित्त मंत्री रुपये को लेकर बनी चिंताओं का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, "अक्टूबर 2021-जनवरी 2025 के दौरान जी10 मुद्राओं में भी 5.5 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।" उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये में उतार-चढ़ाव पर नज़र रख रहा है। उन्होंने कहा कि ओवरवैल्यूड करेंसीज निर्यात प्रतिस्पर्धा को कम करती हैं।
रुपये में गिरावट को सीमित करने के लिए आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में आक्रामक तरीके से हस्तक्षेप कर रहा है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रुपये के अवमूल्यन के लिए मुख्य रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ घोषणाओं और वैश्विक अनिश्चितताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के ऑर्डर पर साइन किया
इस बीच ट्रंप ने कहा है कि रेसिप्रोकल टैरिफ तत्काल प्रभाव से नहीं लगेगा। हॉवर्ड लुटनिक पहले अलग-अलग देशों के लगने वाले टैरिफ की जांच करेंगे। जांच के बाद तय होगा कि किस पर कितना टैरिफ लगेगा। जितना टैरिफ हम पर लगेगा,हम उतना टैरिफ लगाएंगे। टैरिफ पर कोई भी देश शिकायत नहीं कर सकता।
इक्विटी बाजार की बात करें तो 10 बजे के आसपास सेंसेक्स 150.52 अंक या 0.20 प्रतिशत बढ़कर 76,289.49 पर और निफ्टी 24.95 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 23,056.35 पर पहुंच गया। करीब 1006 शेयरों में तेजी आई, 2061 शेयरों में गिरावट आई और 130 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।