Daily Voice : बाज़ार की हालिया रैली को ध्यान में रखते हुए, लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के राघवेंद्र नाथ का कहना है कि बाजार ने अब तक की सभी सकारात्मक बातों के असर को पचा लिया यह केवल नकदी की अधिकता है जो हाल की रैली को हवा दे रही है। लैडरअप के एमडी राघवेंद्र का मानना है कि शॉर्ट टर्म में, बाजार कंसोलीडेशन के दौर में प्रवेश कर सकता है, लेकिन लंबी अवधि में अगर भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती कायम रहती है और कॉर्पोरेट अर्निंग में मजबूत रहती है, तो निश्चित रूप से भारतीय बाजार नए हाई लगाएगा।
आम चुनावों के बाद सरकार विनिवेश पर बढ़ाएगी फोकस
लगभग तीन दशकों का कॉर्पोरेट सेक्टर का अनुभव रखने वाले राघवेंद्र की राय है कि वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 में विनिवेश से हुई कम प्राप्ति के साथ-साथ इस वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के मजबूत प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए उम्मीद है कि सरकार 2024 के आम चुनावों के बाद अपने विनिवेश लक्ष्य को बढ़ाएगी।
यूएस फेड अगली बैठक में भी ब्याज दरों में नहीं करेगा बदलाव
यूएस फेडरल रिजर्व की नीतियों पर बात करते हुए राघवेंद्र ने कहा कि पिछले हफ्ते हुई आखिरी बैठक में फेड ने संकेत दिये हैं कि वह 2024 में 75 बीपीएस तक की दर कटौती कर सकता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिखाई देने लगे हैं, फेड को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था इस साल 2.6 फीसदी की दर से ग्रो करेगी और 2024 में धीमी होकर 1.4 पर आ जाएगी। उम्मीद है कि यूएस फेड अगली बैठक में ब्याज दरें वर्तमान स्तर पर ही बनाए रखेगा।
वित्त वर्ष 2025 में दरों में कटौती की उम्मीद
भारतीय बाजार और इकोनॉमी पर बात करते हुए राघवेंद्र ने आगे कहा कि महंगाई के आंकड़े कोर महंगाई में गिरावट का संकेत देते हैं, जबकि अनियमित मानसून के कारण खाने-पीने की चीजों की महंगाई ऊपर बनी हुई है। रिटेल महंगाई (सीपीआई) की स्थिति दरों में कटौती के करने के आरबीआई के फैसले पर अपनी असर दिखाएगी। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में दरें स्थिर रहेंगी। जिसके चलते वित्त वर्ष 2025 में दरों में कटौती देखने को मिल सकती।
आईटी, फाइनेंशियल और खपत से जुड़े शेयरों में करें निवेश
निवेशकों के सलाह देते हुए राघवेंद्र ने कहा कि बाजार बाजार ऑलटाइम हाई पर है और में अपने फंड को विभिन्न एसेट क्लॉस में डाइवर्सिफाइ करे और पैसे को एसआईपी के जरिए से निवेश करें। 2024 के अंत तक अच्छा रिटर्न पाने के लिए तीन सेक्टर को अब आपके पोर्टफोलियो का हिस्सा होना ही चाहिए ये हैं आईटी, फाइनेंशियल और खपत से जुड़ा सेक्टर। राघवेंद्र का यह भी मानना है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अगले 5-7 सालों में जोरदार तेजी दिखाएगा। इसमें भी पावर सेक्टर में सहसे ज्यादा तेजी रहने की संभावना है।
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