Daily Voice : आगे बैंकिंग सेक्टर में दिखेगी डबल डिजिट ग्रोथ, आईपीओ में निवेश करना बहुत अच्छा सौदा नहीं

Daily Voice : विकास गुप्ता का मानना है कि देश में इस समय निजी कंपनियों की तरफ से अपनी विस्तार योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। साथ सरकार भी विकास के कार्यों पर जोर दे रही है। इसका फायदा देश के बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा। जिसके चलते बैंकिंग सेक्टर में हमें डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। विकास का मानना है कि आगे बैंकिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट देश के जीडीपी ग्रोथ रेट से ज्यादा रहने की उम्मीद है।

अपडेटेड Sep 19, 2023 पर 2:09 PM
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Daily Voice : विकास का मानना है कि यूएस बॉन्ड यील्ड और यूएस डॉलर इंडेक्स की स्थिति को देखते हुए लगता है कि 20 सितंबर को आने वाले फैसले में यूएस फेड नीति दरों में कोई बढ़त नहीं करेगा।

Daily Voice : सरकारी बैंकों के शेयर इस समय प्राइवेट बैंकों की तुलना में अंडरवैल्यूड (तुलनात्मक रूप से सस्ते) हैं। वहीं, प्राइवेट बैंकों के शेयर भी अपने अंतर्निहित वैल्यू ( intrinsic values) की तुलना में सस्ते में मिल रहे हैं। ऐसे में इनमें ग्रोथ की काफी संभावना दिख रही है। ये बातें ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट विकास गुप्ता ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कही हैं। उनका मनना है कि देश में इस समय निजी कंपनियों की तरफ से अपनी विस्तार योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही सरकार भी विकास के कार्यों पर जोर दे रही है। इसका फायदा देश के बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा। जिसके चलते बैंकिंग सेक्टर में हमें डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल सकती है। विकास का मानना है कि आगे बैंकिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट देश के जीडीपी ग्रोथ रेट से ज्यादा रहने की उम्मीद है।

कैपिटल मार्केट का करीब 20 सालों का अनुभव रखने वाले विकास का मानना है कि यूएस बॉन्ड यील्ड और यूएस डॉलर इंडेक्स की स्थिति को देखते हुए लगता है कि 20 सितंबर को आने वाले फैसले में यूएस फेड नीति दरों में कोई बढ़त नहीं करेगा। साथ ही इसके बाद होने वाली इस साल की अगली दो मीटिंग्स में दरों में बढ़त होगी ही ये पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। लेकिन सितंबर के बाद की दो मीटिंग्स में दरों में बढ़त की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता।

बैंकिंग सेक्टर का रिस्क रिवॉर्ड रेशियो अच्छा


क्या बैंकिंग सेक्टर का रिस्क रिवॉर्ड रेशियो अच्छा दिख रहा है? इस सवाल के जवाब में विकास गुप्ता ने कहा कि अधिकांश एनपीए की सफाई के बाद बैंकिंग स्टॉक बुनियादी तौर पर काफी मजबूत नजर आ रहे हैं। बेशक, कुछ बैंक अभी भी एनपीए के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन उन्हें एनपीए की सफाई करने में सावधानी बरतनी चाहिए। विकास का मानना है कि सरकारी और निजी बैंकों के तमाम स्टॉक का रिस्क रिवॉर्ड रेशियो काफी अच्छा है। तमाम बैंकों में ग्रोथ की काफी अच्छा संभावना दिख रही है।

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आईपीओ मार्केट निवेशकों के नजरिए से अच्छा नहीं

आईपीओ मार्केट पर बात करते हुए विकास ने कहा कि आईपीओ मार्केट में फुलाव दिख रहा है। इस समय आईपीओ मार्केट ऐसे प्रोमोटरों, सेलर्स और प्री-आईपीओ निवेशकों के लिए अच्छे दिख रहे हैं जो प्राइमरी मार्केट (आईपीओ मार्केट) में अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। इस समय आईपीओ में निवेश करना निवेशकों के लिए बहुत अच्छा सौदा नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि बेशक, बाजार में ऐसे ट्रेडर हैं जो आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं और लिस्टिंग पर बेचते हैं और बाहर निकल जाते हैं। हमें इस तरह के ट्रेड बारे में ज्यादा पता नहीं है। शायद यह फायदेमंद होता होगा। लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सुझाव है कि वे आईपीओ के आने के बाद तब तक निवेश के लिए इंतजार करें जब तक अच्छी कंपनियों के भाव सही लेवल पर न आ जाएं।

कुछ मामलों को छोड़कर आम तौर पर अच्छी कंपनियों के आईपीओ ओवरवैल्यूड ही होते हैं। इसके अलावा आईपीओ के दौरान हमें अच्छी कंपनियां पहचानने में भी दिक्कत होती है। आईपीओ आने के एक-दो तिमाहियों के बाद ही हकीकत सामने आ जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि आईपीओ कंपनियों के बाजार में उतरने से पहले स्थिति साफ होने का इंतजार किया जाए।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से मिड और स्मॉलकैप को कोई बड़ा खतरा नहीं

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मिडकैप शेयरों पर इसके असर की बात करते हुए विकास गुप्ता ने कहा कि कुछ स्मॉलकैप हैं जो कच्चे तेल की कीमतों से सीधे प्रभावित हो सकते हैं। क्योंकि कच्चा तेल उनके लिए इनपुट लागत है। हालांकि, तमाम मिडकैप ऐसे हैं जिन पर कच्चे तेल की कीमतों का उतना प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। इसके अलावा भारतीय क्रूड ऑयल बॉस्केट को रूसी तेल से फायदा हो रहा है। कई देशों से कच्चे तेल के लिए होने वाला भुगतान रुपए में हो रहा है। ऐसे में भारत अब कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से निपटने के लिए पहले की तुलना में ज्यादा तैयार और सक्षम है। इसके अलावा, अगर आरबीआई अपनी दरों में तुरंत कटौती नहीं करता है तो यूएस फेड की ब्याज दरों में कटौती की संभावना से भी भारतीय रुपये को फायदा होगा। ऐसे में कुल मिलाकर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त से मिड और स्मॉलकैप पर कोई बड़ा खतरा नहीं है।

 

 

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First Published: Sep 19, 2023 2:08 PM

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