Chandraprakash Padiyar of Tata Asset Management : टाटा एसेट मैनेजमेंट के चंद्रप्रकाश पाडियार ने कहा कि आगे ग्रोथ में सुस्ती एक बड़ी चिंता बनने जा रही है और इसिलए, 2023 की शुरुआत में फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक लग सकती है।
Chandraprakash Padiyar of Tata Asset Management : टाटा एसेट मैनेजमेंट के चंद्रप्रकाश पाडियार ने कहा कि आगे ग्रोथ में सुस्ती एक बड़ी चिंता बनने जा रही है और इसिलए, 2023 की शुरुआत में फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक लग सकती है।
मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में पाडियार ने कहा, अभी तक महंगाई का ट्रेंड आगे सख्ती की ओर इशारा करता है। Federal Reserve ने ब्याज दर 75 बीपीएस बढ़ाने के साथ, आगे महंगाई को ध्यान में रखते हुए ऐसी और बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं।
बैंकों के और अच्छे प्रदर्शन की गुंजाइश बाकी
21 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले टाटा एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर का मानना है कि बैंकों का प्रॉफिट पूल सामान्य स्तरों पर पहुंच रहा है। इसलिए हम, सेक्टर के लिए वैल्यूएशन की रिरेटिंग की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरी समझ में, अभी सेक्टर के और अच्छा प्रदर्शन करने की गुंजाइश बची है।” पाडियार Tata Large & Mid cap Fund, Small Cap Fund और Hybrid Equity Fund का प्रबंधन करते हैं।
यूएस फेड के रुख पर रखनी होगी नजर
यूएस फेड के आगे के रुख पर उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी महंगाई के डाटा पर निर्भर करेगी। इसके अलावा, यह देखना होगा कि 2 फीसदी महंगाई का लक्ष्य हासिल होने से पहले यूएस फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर कहां रुकता है या लक्ष्य हासिल होने तक वह सख्ती जारी रखेगा। आगे ग्रोथ में सुस्ती चिंता बनने जा रही है और इसलिए, 2023 की शुरुआत में रेट हाइक पर रोक लग सकती है।
जीडीपी की तुलना में बढ़ेगा प्रॉफिट
जीडीपी में प्रॉफिट की हिस्सेदारी बढ़ने के सवाल पर पाडियार ने कहा कि बैंक, टेलिकॉम जैसे बड़े सेक्टर्स के साथ भारत के लिए प्रॉफिट पूल सामान्य स्थिति में आ रहा है। जीडीपी की तुलना में प्रॉफिट अगले 12 महीने में धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है।
क्या भारत के लिए अहम रहेगा क्रूड
क्रूड ऑयल पर भारत की निर्भरता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, भारत क्रूड ऑयल पर खासा निर्भर है और दोनों के बीच संबंध पर खासा ध्यान देना होगा। पिछले छह महीने भारतीय इक्विटी मार्केट के अच्छे प्रदर्शन के साथ असामान्य रहे हैं। एनर्जी की कीमतों में उछाल के बावजूद शेयर बाजार में मजबूती रही है, जिससे ट्रेड डेफिसिट बढ़ गया है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि अगले 12 महीने में यदि एनर्जी बास्केट में उछाल आता है तो बाजारों के लिए खतरा बढ़ने जा रहा है।
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