टाटा म्युचुअल फंड (Tata Mutual Fund) के सीआईओ-इक्विटीज राहुल सिंह (Rahul Singh) ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में कहा है कि अर्निंग में बढ़त के बावजूद बैंकों का वैल्यूएशन मिड साइकिल वैल्यू पर आधारित है। ऐसे में इस समय बैंक शेयरों का रिस्क-रिवॉर्ड रेशियो काफी अच्छा दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर दूसरे ऐसे सेक्टर हैं जिनको बढ़ती ग्रोथ और अर्निंग अपग्रेड का फायदा मिल सकता है। हालांकि इस सेक्टर की कुछ कंपनियों के वैल्यूएशन की रि-रेटिंग हो चुकी है। देश की इकोनॉमी पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि मध्यम से लॉन्ग टर्म की अवधि के लिए इकोनॉमी का आउटलुक काफी मजबूत नजर आ रहा है। आगे इन्वेस्टमेंट साइकिल में मजबूती के साथ ही खपत के स्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इससे बाजार में भी एक व्यापक आधार वाली रिकवरी आएगी।
भारत इस समय काफी बेहतर स्थिति में
भारत इस समय काफी बेहतर स्थिति में है। देश में बैंकों और कार्पोरेट सेक्टर की बैलेंस सीट विकसित बाजारों और दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में काफी मजबूत है। इसके साथ ही देश में निजी कंपनियों द्वारा अपने विस्तार पर किए जाने वाले खर्च और रियल स्टेट में होने वाले खर्च में भी बढ़ोतरी हो रही है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बने रहने के सकेत मिल रहे हैं। राहुल सिंह का ये भी मानना है कि भारत पर महंगाई और रेट साइकिल का असर भी दूसरे देशों की तुलना में कम रहेगा।
क्या आपको लगता है कि आगामी इलेक्शन पर होने वाले खर्च के चलते कंज्यूमर स्टेपल्स की डिमांड में बढ़ोतरी होगी? इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि पिछले 2 बजट से सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च पर रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने तमाम राज्यों के चुनाव के बावजूद सब्सिडी देने पर नियंत्रण बनाए रखा है।
राहुल का मानना है कि वित्तीय घाटे पर नियंत्रण रखने के साथ ही विकास कार्यों पर बढ़ते खर्च की सरकार की रणनीति के चलते लंबी अवधि में देश को बड़ा फायदा होगा। कंज्यूमर स्टेपल के डिमांड में बढ़त चुनाओं पर होने वाले खर्च के अलावा नॉन एग्री सेक्टर में आने वाली ग्रोथ, दूसरे देशों से भारत में आने वाले पैसे और मानसून पर निर्भर करेगी।
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