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Daily Voice: IIFL Securities के आर वेंकटरमण बैंकिंग शेयरों पर हैं सुपर बुलिश, जानिए और कहां हैं कमाई के मौके

आर वेंटकरमन ने कहा कि शॉर्ट टर्म के लिए मार्केट मोमेंटम काफी मजबूत नजर आ रहा है। हालांकि यूएस फेड की मौद्रिक नीतियों में कड़ाई के चलते लिक्विडिटी में कमी आने की संभावना है।

अपडेटेड Sep 07, 2022 पर 9:34 PM
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IIFL Securities के आर वेंकटरमण ने मनीकंट्रोल के साथ देश की इकोनॉमी और बाजार पर एक लंबी बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि आने वाले तिमाहियों में बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन शानदार रहेगा। इस समय बैंकों की बैलेंसशीट कोविड-पूर्व लेवल से भी मजबूत नजर आ रही है। बैकों की कॉर्पोरेट बैलेंसशीट में जबरदस्त मजबूती आई है। इनकी क्रेडिट ग्रोथ में तेजी बढ़ती दिख रही है। इसके अलावा बैंकों के ग्रॉस एनपीए में भी गिरावट देखने को मिली है, इसके कारण बैंक लगातार अपनी प्रोविजनिंग में कटौती कर रहे हैं। यह सब ऐसे फैक्टर हैं जो आगे बैंकिंग सेक्टर को जबरदस्त मजबूती देंगे।

IIFL Securities के चेयरमैन आर वेंकटरमण को फाइनेंशियल सेक्टर का 28 साल से अधिक का अनुभव है। इनका मानना है कि भारत के इकोनॉमिक इंडिकेटर काफी मजबूत आधार पर खड़े नजर आ रहे हैं। जिसके दम पर निफ्टी आगे दूसरे ग्लोबल सूचकांकों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करता दिख सकता है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज का मानना है कि इकोनॉमिक ग्रोथ के फ्रंट पर किसी अपग्रेडिंग की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश की इकोनॉमिक ग्रोथ 6.5 फीसदी के आसपास रह सकती है। आर वेंकटरमण का कहना है कि बड़ी जल्दी हमें ग्रोथ अनुमानों में डाउनग्रेडिंग होती नजर आ सकती है।


क्या ग्लोबल मंदी के चलते भारत के एक्सपोर्ट में गिरावट हो सकती है? इस सवाल का जवाब देते हुए आर वेंकटरमण ने कहा हां, भारत के एक्सपोर्ट में गिरावट की भारी संभावना है। अमेरिका, यूरोप और चाइना में कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडिकेटर कमजोर नजर आ रहे हैं। इसी बीच अगर रूस से यूरोपियन यूनियन को होने वाली गैस की सप्लाई घट जाती है तो औद्योगिक गतिविधियों में और कमजोरी आ सकती है। कुल मिलाकर यह भारतीय एक्सपोर्ट के लिए शुभ संकेत नहीं है।

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क्या बाजार दिवाली तक रिकॉर्ड हाई छू सकता है? इस सवाल का जवाब देते हुए आर वेंटकरमन ने कहा कि शॉर्ट टर्म के लिए मार्केट मोमेंटम काफी मजबूत नजर आ रहा है। हालांकि यूएस फेड की मौद्रिक नीतियों में कड़ाई के चलते लिक्विडिटी में कमी आने की संभावना है। इकोनॉमी ग्रोथ में आई सुस्ती के साथ हमें कही भी कीमतों में गिरावट देखने को नहीं मिली है। ऐसे में यहां से हमें लिक्विडिटी में और कड़ाई आती नजर आ सकती है। जो बाजार की तेजी पर लगाम लगा सकती है। लेकिन भारतीय इकोनॉमिक इंडिकेटर काफी मजबूत हैं ऐसे में भारतीय बाजार दूसरे बाजारों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करता नजर आ सकता है।

बाजार के लिए कौन-कौन से जोखिम हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में लगातार हो रही बढ़ोतरी और रुपये की कमजोरी बाजार के लिए बड़े जोखिम नजर आ रहे हैं। निवेश के नजरिए से आर वेंकटरमण को Craftsman Automation जैसे मिडकैप ऑटो एंसिलरी, चुनिंदा केमिकल और कंस्ट्रक्शन स्टॉक पसंद हैं। इसके अलावा कैपिटल गुड्स भी इन्हें अच्छे नजर आ रहे हैं। वहीं बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेस पर आर वेंकटरमण सुपर बुलिश हैं।

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