Daily Voice : शिखर से हाल में आए 6 फीसदी के करेक्शन के बाद भी भारतीय बाजार दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में काफी ज्यादा प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। जब हम ब्रॉडर मार्केट के वर्तमान वैल्यूएशन की तुलना इसके ऐतिहासिक एवरेज से करते हैं तो यह अभी भी सस्ता नजर आ रहा है। एमएससीआई ईएम इंडेक्स अपने लॉन्ग टर्म एवरेज से डिस्काउंट पर कारोबार कर रहा है। ये बातें वाटरफील्ड एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक शांतनु भार्गव ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कही हैं।
शांतनु भार्गव की राय है कि खराब मैक्रो इकोनॉमिक और जियोपोलिटिकल स्थितियों, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, छुट्टियों और शादी के मौसम के दौरान कंज्यूमर सेंटीमेंट की स्थिति, एफआईआई निवेश जैसे फैक्टर्स के मिलेजुले असर के कारण आने वाले महीनों में बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ने का अनुमान है। बाजार की चाल पर आरबीआई नीति, कंपनियों के नतीजे और चुनावों के नतीजे का भी असर होगा।
बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली पर बात करते हुए शांतनु भार्गव ने कहा कि भारतीय बाजारों में एफआईआई के निवेश पर अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़त और जियोपोलिटकल स्थितियों का असर पड़ेगा। इनके कारण निवेशको में जोखिम से बचने और सुरक्षित निवेश विकल्पों पर दांव लगाने की भावना बढ़ी है। मध्य पूर्व में युद्ध के विस्तार की आशंकाओं के कारण ग्लोबल मार्केट में हाल के दिनों में बिकवाली आई है। अगर ये लड़ाई तेज़ हो जाती है और मध्य पूर्व के दूसरे देशों में फैल जाती है तो बाजार में भारी बिकवाली आ सकती है। ऐसे में उभरते बाजारों से साथ ही तमाम विकसित बाजारों में भी बिकवाली आ सकती हैं।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि हाल के महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने निफ्टी की तुलना में बेहतर प्रदर्शन दिखाया है। खुदरा निवेशक मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों में बड़ी मात्रा में पैसा निवेश कर रहे हैं। ऐसे में मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों से तत्काल बड़ी मात्रा में निकासी पर डर नहीं है। हालांकि अगले कुछ महीनों या अगले 1 साल के दौरान लार्ज कैप फंडों ने मिड और स्मॉल कैप फंडों से बेहतर प्रदर्शन किया, तो उसके बाद रिटेल फंड का झुकाव लार्ज कैप फंडों की तरफ हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ने का अनुमान है।
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