Daily Voice: भारतीय बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी में दिखेगी तेज ग्रोथ

भारत के पास कई एडवांटेज हैं जिसके चलते आने वाले सालों में देश की इकोनॉमी में शानदार ग्रोथ की बड़ी संभावना है। भारत का राजनैतिक और कानूनी ढ़ाचा विदेशी निवेशकों में भारत के प्रति विश्वास पैदा करता है। भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने वर्कफोर्स को प्रशिक्षित और शिक्षित करने की है

अपडेटेड Dec 22, 2022 पर 1:02 PM
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भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विवादों को सुलझाने के लिए देश में एक मजबूत कानूनी ढ़ांचा है। जिसके चलते भारत को तमाम दूसरे देशों पर ऐसे ही बढ़त मिल जाती है

इकोनॉमी में मजबूती और इक्विटी बाजार में आ रहे मजबूत कैपिटल फ्लो के दम पर आगे आने वाले सालों में भारतीय इक्विटी बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। एनजी एसेट मैनेजमेंट (NJ Asset Management) के डायरेक्टर और सीईओ राजीव शास्त्री (Rajiv Shastri) ने ये राय मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में जाहिर की है। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि पिछले तीन दशकों या इससे कुछ ज्यादा समय से भारतीय इक्विटी मार्केट ने वेल्थ क्रिएट करने की अपनी शानदार क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस अवधि में भारतीय इक्विटी मार्केट का रिटर्न मुद्रास्फीति की दर से ज्यादा रहा है। उम्मीद है कि भारतीय बाजारों का ये प्रदर्शन आगे आने वाले कुछ दशकों में भी जारी रहेगा।

भारतीय इक्विटी मार्केट में घरेलू निवेशकों का निवेश बढ़ेगा

राजीव शास्त्री को म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का 25 सालों से ज्यादा का अनुभव है। इनको लगता है कि आगे इक्विटी मार्केट में रिटेल निवेशकों की भागीदारी इक्विटी मार्केट में सीधे निवेश के जरिए और म्यूचुअल फंडों के जरिए भी तेजी से बढ़ती नजर आएगी। जिसके चलते अगले कई सालों तक भारतीय इक्विटी मार्केट में घरेलू निवेशकों का निवेश जोरदार तरीके से बढ़ेगा।


भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरेगा

क्या सरकार की तरफ से किए जा रहे रिफार्म के चलते भारत वर्तमान दशक में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा? इस सवाल का जवाब देते हुए राजीव शास्त्री ने कहा कि भारत के पास कई एडवांटेज हैं जिसके चलते आने वाले सालों में देश की इकोनॉमी में शानदार ग्रोथ की बड़ी संभावना है। भारत का राजनैतिक और कानूनी ढ़ाचा विदेशी निवेशकों में भारत के प्रति विश्वास पैदा करता है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विवादों को सुलझाने के लिए देश में एक मजबूत कानूनी ढ़ांचा है। जिसके चलते भारत को तमाम दूसरे देशों पर ऐसे ही बढ़त मिल जाती है। देश में कुशल और युवा लोगों की बहुत बड़ी संख्या है। यहां का शैक्षणिक तंत्र योग्य और कुशल लोगों बड़ी फौज तैयार करने में सक्षम है। ऐसे में भारत के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। आगे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरेगा।

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वर्कफोर्स को प्रशिक्षित और शिक्षित करना सबसे बड़ी चुनौती

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के लिए भारत के सामने कौन सी चुनौतियां हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए राजीव शास्त्री ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने वर्कफोर्स को प्रशिक्षित और शिक्षित करने की है। इस एरिया में देश में काफी काम हुआ है। लेकिन इसके लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

हालांकि इससे हमारे ग्रोथ और एक लीडिंग इकोनॉमी के रूप में उभरने के लिए कोई चुनौती नहीं है। लेरिन यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि हमारे लोगों के पास इस ग्रोथ में योगदान करने और इससे फायदा उठाने के समान अवसर हों।

 

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MoneyControl News

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First Published: Dec 22, 2022 1:02 PM

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