वाटरफील्ड एडवाइजर्स के शांतनु भार्गव ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2024 में मिड और स्मॉल कैप सूचकांकों का प्रदर्शन औसत स्तर पर वापस आ जाएगा और लार्ज कैप का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर होगा। उनका मानना है कि आर्थिक माहौल और उनके उसकी तुलना में वैल्यूएशन को देखते हुए फाइनेंशियल शेयर नई तेजी के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। उनका ये भी कहना है कि बाजार के कई सेगमेंटों ने इस साल अब तक बाजार में बड़ी भागीदारी नहीं की है। ये अब तेजी पकड़ते दिख सकते हैं। आगे फाइनेंशियल शेयरों में अच्छी तेजी दिख सकती है।
आगामी आरबीआई नीति बैठक पर बात करते हुए शांतनु भार्गव ने कहा कि महंगाई में हालिया गिरावट के बावजूद केंद्रीय बैंक महंगाई पर सख्त रुख बनाए रखेगा और खुदरा महंगाई को 4 फीसदी तक कम करने के अपने लक्ष्य को पर जोर बनाए रखेगा।
उन्होंने इस बात पर सहमति जताई की अगर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और 10-ईयर ट्रेजरी यील्ड में और गिरावट आती है तो भारतीय इक्विटी में तेजी जारी रहेगी। अमेरिका में जारी अक्टूबर 2023 के रिटेल महंगाई आंकड़ों से संकेत मिलता है कि वहां ब्याज दरें अपने चरम पर या चरम के करीब हैं। हालांकि, हमें तत्काल फेड दरों में तेज गिरावट की उम्मीद नहीं है। अमेरिकी में दरें लंबी अवधि तक ऊंची रहने की उम्मीद है।
अगर मैक्रो इकोनॉमिक और जियोपोलिटिकल माहौल में सुधार के बावजूद बॉन्ड यील्ड में गिरावट जारी रहती है, तो यह उभरते बाजारों में विदेशी निवेश के नजरिए से एक अच्छी बात होगी। इसके भारत को भी बड़ा फायदा होगा।
रियल एस्टेट सेक्टर पर बात करते हुए शांतनु भार्गव ने कहा कि इस साल अब तक रियल एस्टेट ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स अपने 10 साल के औसत से काफी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। जिसके चलते इस वैल्यूएशन कुछ महंगा दिख रहा है। हांलाकि इस वैल्यूएशन को सेक्टर के अनुमानित ग्रोथ को ध्यान में रखकर देखा जाना चाहिए। देश में घरों की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही अगले 1-2 सालों में ब्याज दरें कम होने की संभावना है। एक अच्छी मांग और आपूर्ति की स्थिति, मजबूत इन्वेंट्री और मूल्य निर्धारण शक्ति के साथ उम्मीद है कि रियल एस्टेट सेक्टर में आगे भी जोरदार तेजी रहेगी।
क्या बाजार ने राज्य चुनावों के नतीजों और आर्थिक विकास के आंकड़ों पर जरूरत से ज्यादा जोश दिखाया है? इसके जवाब में शांतनु भार्गव ने कहा कि वे नहीं मानते कि राज्य चुनाव के नतीजों पर बाजार ने जरूरत से ज्यादा जोश दिखाया है। राज्य चुनाव नतीजों से पहले ही अच्छे मैक्रो और ग्रोथ आंकड़ों, ग्लोबल जियोपोलिटिकल स्थिति में कुछ नरमी के कारण बाजार में मजबूती आ रही थी। इस तेजी को राज्य चुनाव परिणामों से और मदद मिली है।
बाजार केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की जीत से इनकार नहीं कर रहा था। लेकिन जीत की प्रकृति से बाजार को सुखद आश्चर्य हुआ है। बड़ी बात यह है कि विदेशी निवेशकों के लिए राजनीतिक स्थिरता एक बहुत बड़ी जरूरत है। राज्यों के चुनाव नतीजों से अगले साल केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के फिर से लौटने की संभावना और मजबूत हो गई है। जिससे देश में विदेशी निवेश में बढ़त देखने को मिल सकती है।
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