Daily Voice : साल 2024 में 15% तक रिटर्न मुमकिन, अब लार्जकैप शेयरों में दिखेगी तेजी

Daily Voice : प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में 14 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अखिल भारद्वाज का कहना है कि 2024 में दांव लगाने के लिए सबसे अच्छी थीम लार्जकैप कटेगरी होगी। उनका कहना कि वैल्यूएशन के नजरिए से लार्जकैप इस समय काफी अच्छे दिख रहे हैं। इसके अलावा इस समय टेक्नोलॉजी और आईटी शेयर भी निवेश के नजरिए से अच्छे लग रहे हैं। अखिल भारद्वाज के मुताबिक दांव लगाने लायक तीसरा अच्छा सेक्टर बैंकिंग है

अपडेटेड Dec 12, 2023 पर 12:04 PM
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Daily Voice : महंगाई घटने के साथ ब्याज दरें कम होने लगेंगी, जिससे बांड बाजार की चमक फीकी पड़ जाएगी। एक बार ऐसा होने पर, हम एफआईआई का पैसा भारतीय शेयर बाजार में वापस आते हुए देखेंगे

Daily Voice : यह बाजार के बुल रन का शुरुआती दौर है। यूएस फेड फंड रेट में संभावित कटौती, कॉर्पोरेट आय में बढ़त और निफ्टी में घरेलू निवेशकों की तरफ से भारी निवेश के कारण आगे एक बड़ी रैली देखने को मिल सकती है। ये बातें अल्फा कैपिटल के अखिल भारद्वाज ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक साक्षात्कार में कहीं हैं। यहां हम आपके लिए इस बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि 2024 निश्चित रूप से 15 फीसदी या इसके अधिक रिटर्न देगा।

प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में 14 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अखिल भारद्वाज का कहना है कि 2024 में दांव लगाने के लिए सबसे अच्छी थीम लार्जकैप कटेगरी होगी। उनका कहना कि वैल्यूएशन के नजरिए से लार्जकैप इस समय काफी अच्छे दिख रहे हैं। इसके अलावा इस समय टेक्नोलॉजी और आईटी शेयर भी निवेश के नजरिए से अच्छे लग रहे हैं। अखिल भारद्वाज के मुताबिक दांव लगाने लायक तीसरा अच्छा सेक्टर बैंकिंग है। बैंकिंग सेक्टर कमाई में अच्छी बढ़त के बावजूद इस कैलेंडर वर्ष में अब तक केवल 9 फीसदी ही बढ़ा है। ऐसे में आगे इसमें जोरदार तेजी की संभावना दिख रही है।

इकोनॉमी पर बात करते हुए अखिल भारद्वाज ने कहा कि पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी और 7.6 फीसदी रही थी। ऐसे में साल की पहली छमाही में ग्रोथ रेट 7.7 फीसदी रही है। इकोनॉमी में मजबूती, कॉर्पोरेट अर्निंग में मजबूती, भारत के बारे में पॉजिटिव, सेंटिमेंट और निजी निवेश को बढ़ावा मिलने के कारण आने वाली तिमाहिया में भी ग्रोथ में मजबूती रहने की उम्मीद है। हालांकि बाजार और इकोनॉमी के लिए जियोपोलिटिकल तनाव और पश्चिमी देशों में ब्याज दर में कटौती में देरी है चिंता का विषय हैं। हमें यकीन है कि भारत सरकार ग्लोबल अशांति से निपटने के लिए मजबूत और नपे-तुले कदम उठा रही है।


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इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई की हिस्सेदारी घटकर 16-17 फीसदी रह गई है, जो 2012 के बाद से सबसे कम है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत फंडामेंटल्स के बावजूद हुआ है। हालांकि हमारा देश सबसे तेजी से बढ़ने वाला उभरता बाजार है और एफआईआई के लिए निवेश के लिए एक अच्छा स्थान है। इसके बावजूद एफआईआई के निवेश में कमी का बड़ा कारण पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका में ऊंची ब्याज दर है। इसके कारण उभरते बाजारों से तेजी से पैसा निकल रहा है। लेकिन महंगाई घटने के साथ ब्याज दरें कम होने लगेंगी, जिससे बांड बाजार की चमक फीकी पड़ जाएगी। एक बार ऐसा होने पर, हम एफआईआई का पैसा भारतीय शेयर बाजार में वापस आते हुए देखेंगे।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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First Published: Dec 12, 2023 11:59 AM

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