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Daily Voice-मार्केट कंसोलिडेशन के दौर में, घरेलू खपत आधारित कंपनियों और फाइनेंशियल थीम में कमाई के मौके

आईटी कंपनियों के नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। भारतीय आईटी कंपनियां वर्तमान में ग्लोबल प्लेयर बन गई हैं। इनको पूरी दुनिया से ऑर्डर मिलते हैं। ऐसे में यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में कोई संकट आता है तो उसका भारतीय आईटी कंपनियों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Oct 27, 2022 पर 7:16 PM
Daily Voice-मार्केट कंसोलिडेशन के दौर में, घरेलू खपत आधारित कंपनियों और फाइनेंशियल थीम में कमाई के मौके
भारतीय इक्विटी मार्केट इस समय कंसोलिडेशन के दौर से गुजर रहा है। यह स्थिति अभी कुछ और समय तक बनी रहेगी

JM Financial Asset Management के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर इक्विटी सतीश रामनाथन (Satish Ramanathan) ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा है कि भारत को आगे अच्छी ग्रोथ का फायदा मिलेगा। China + 1 पॉलिसी और पीएलआई स्कीम से मिलने वाले फायदे भारतीय कंपनियों के मुनाफे को अगले स्तर तक ले जाएंगे। इसके चलते भारतीय कंपनियों की अर्निंग में आगे अच्छी मजबूती देखने को मिलेगी।

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि घरेलू मांग और सरकार के खर्च में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसको ध्यान में रखते हुए अनुमान है कि खपत और निवेश के ये दोनों इंजन वर्तमान ग्लोबल वोलैटिलिटी में भी भारतीय बाजार की नैया पार करते नजर आएंगे। बताते चलें कि सतीश रामनाथन को कैपिटल मार्केट का 3 दशकों से ज्यादा का अनुभव है। निवेश के नजरिए से ये इंडस्ट्रियल, घरेलू खपत पर आधारित कंपनियां, फाइनेंशियल और एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियों पर बुलिश है।

बाजार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय इक्विटी मार्केट इस समय कंसोलिडेशन के दौर से गुजर रहा है। यह स्थिति अभी कुछ और समय तक बनी रहेगी। फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs)काफी सर्तक नजर आ रहे हैं। ग्लोबल इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए FPI चौंकन्ने हैं। ऐसे में भारतीय बाजार इस समय सिर्फ घरेलू पैसे के दम पर चल रहा है। वर्तमान जियोपॉलिटिकल तनाव के चलते एनर्जी सेक्टर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है जो भारत के बाजार और इकोनॉमी दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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