Daily Voice: मौजूदा ग्लोबल मंदी के रुझान और अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग सेक्टर के संकट को देखते हुए इस समय ऐसे एक्सपोर्ट आधारित टेक शेयरों पर दांव लगाने की सलाह नहीं होगी जो ग्लोबल मार्केट में बैंकिंग सेक्टर की जरूरतों को पूरा करते हैं। ये बातें मनीकंट्रोल के साथ हुई बातचीत में टाटा एआईए (Tata AIA)में एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर हर्षद पाटिल (Harshad Patil) ने कही हैं। इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि बैंकिंग संकट के पहले भी कैलेंडर ईयर 2023 के इस सेक्टर के लिए कमजोर रहने का अनुमान किया गया था। ऐसा माना जा रहा था कि धीमी पड़ती ग्रोथ, ग्लोबल ट्रेड में आती सुस्ती और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से मौद्रिक नीतियों में लाई जा रही कड़ाई बैंकिग सेक्टर के लिए परेशानी का सबब बनेगी। ऐसे में बैंकिंग संकट ने इस बात की पुष्टि कर दी है और ग्लोबल मंदी के चांस और बढ़ा दिए हैं।
इक्विटी और केपिटल मार्केट का 20 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले हर्षद पाटिल का ये भी मानना है कि कम से नियर टर्म में बाजार में भारी वोलैटिलिटी बनी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि वे निवेश के लिए कंपनियों के फंडामेंटल्स पर फोकस कर रहे हैं और हर सेक्टर में बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग के मौके की तलाश कर रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि स्थिति का आकलन करने के लिए एक विराम लेने से पहले फेडरल रिजर्व इस साल एक या दो बार दरों में और बढ़ोतरी करेगा?
इस पर हर्षद पाटिल ने कहा कि फेडरल रिजर्व ने 0.25 फीसदी की एक और बढ़त के संकेत दिए हैं। जिसके बाद वह इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक के लिए विराम ले सकता है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के संकेत के विपरीत यूएस यील्ड कर्व्स के आधार पर इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक दर में कटौती का भी अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या आप मानते हैं कि हालिया बैंकिंग संकट अब खत्म हो गया है?
इसके जवाब में हर्षद ने कहा हाल के बैंकिंग संकट पर नियामकों की त्वरित और समयबद्ध कार्रवाई करके जल्दी से काबू पा लिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह संकट दूर हो चुका। हालांकि ये भी सही है कि इस संकट का अधिकांश सेक्टर में हमारे निवेश निर्णयों पर सीमित प्रभाव ही पड़ा है।
क्या आप निवेशकों को ज़ोमैटो और पेटीएम जैसे नए जमाने के शेयरों में निवेश करने की सलाह देंगे?
इस सवाल पर के जवाब में हर्षद ने कहा कि हाल के करेक्शन के बाद ज्यादातर नए जमाने की कंपनियों के वैल्यूएशन कुछ बेहतर हो गए हैं। उन्होंने बताया कि वे किसी भी सेक्टर के स्टॉक का चुनाव उसके फंडामेंटल्स को देख कर ही करते हैं। नए जमाने के शेयरों में निवेश करने के पहले कंपनी विशेष के बिजनेस मॉडल और फंडामेंटल्स की जांच करके ही कोई फैसला लेंगे। कंपनी की अर्निंग क्षमता और और उसके वैल्यूशम के आधार पर ही कोई निवेश निर्णय लेना चाहिए।
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