Daily Voice: नए जमाने की टेक कंपनियों में जोमैटो अव्वल, लार्ज कैप आईटी कंपनियां लग रही अच्छी

Daily Voice: प्रोर्टफोलियो मैनेजमेंट का 18 साल का अनुभव रखने वाले सचिन शाह का मानना है कि इस समय अधिकांश लार्ज कैप आईटी कंपनियां काफी अच्छे वैल्यूएशन पर मिल रही हैं। इनकी ऑर्डर बुक और रेवेन्यू आउटलुक भी इस समय काफी अच्छी है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि वे नए जमाने की टेक कंपनियों पर काफी नजदीकी से नजर रखे हुए हैं। जोमैटो में निवेश के साथ नए जमाने की टेक कंपनियों में निवेश की शुरुआत कर दी है

अपडेटेड Apr 12, 2023 पर 12:02 AM
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सचिन शाह ने कहा कि RBI इस समय अपनी नीतियों को लेकर काफी स्पष्ट है। RBIअब महंगाई से निपटने के लिए उठाए गए अपने कदमों का ओवरऑल इकोनॉमी पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा के लिए वेट एंड वाच की रणनीति अपना रहा है

Daily Voice:हमारा मानना है कि नए जमाने की टेक्नोलॉजी कंपनियों में जोमैटो सबसे बेहतर स्थिति में है। कंपनी को भारत में बढ़ते उपभोक्तावाद का फायदा मिलेगा। ये बातें एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (Emkay Investment Managers) के फंड मैनेजेर सचिन शाह ने मनीकंट्रोल के साथ एक बातचीत में कही हैं। भारत में लिस्टेड इंटरनेट आधारित नए जमाने की टेक कंपनियों में जोमैटो एक ऐसी कंपनी है जिसके बारे में सचिन शाह का मानना है कि अगले दशक में इस कंपनी में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगी। कंपनी फूड बिजनेस में सबसे बड़े फेरबदल के लिए जानी जाती है।

लार्ज कैप आईटी कंपनियां काफी अच्छे वैल्यूएशन पर उपलब्ध

प्रोर्टफोलियो मैनेजमेंट का 18 साल का अनुभव रखने वाले सचिन शाह का मानना है कि इस समय अधिकांश लार्ज कैप आईटी कंपनियां काफी अच्छे वैल्यूएशन पर मिल रही हैं। इनकी ऑर्डर बुक और रेवेन्यू आउटलुक भी इस समय काफी अच्छी है। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि वे नए जमाने की टेक कंपनियों पर काफी नजदीकी से नजर रखे हुए हैं। इस सेक्टर में पिछले एक साल में आए भारी करेक्शन के बाद Emkay Investment Managers ने जोमैटो में निवेश के साथ नए जमाने की टेक कंपनियों में निवेश की शुरुआत कर दी है।


RBI अब वेट एंड वाच मोड में

RBI की मॉनेट्री पॉलिसी पर उन्होंने कहा कि RBI इस समय अपनी नीतियों को लेकर काफी स्पष्ट है। RBI अब महंगाई से निपटने के लिए उठाए गए अपने कदमों का ओवरऑल इकोनॉमी पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा के लिए वेट एंड वाच की रणनीति अपना रहा है। अब RBI को कोई अगला कदम उठाने के पहले अपने अब तक के कामों की समीक्षा करनी चाहिए।

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कैलेंडर ईयर 2023 में ग्रोथ की गति थोड़ी हल्की पड़ सकती है

क्या आपको लगता है कि 2024 में देश की ग्रोथ 6 फीसदी से नीचे फिसल सकती है? इस सवाल का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि कैलेंडर ईयर 2023 में भी तमाम ग्लोबल चुनौतियों के बने रहने की संभावना है। ऐसे में 2023 में भारतीय इक्विटी मार्केट का आउटलुक तमाम ग्रोथ ड्राइवर्स और घरेलू इकोनॉमी की वास्तविक ग्रोथ पर निर्भर करेगी। पिछले 2 साल की जोरदार तेजी के बाद कैलेंडर ईयर 2023 में ग्रोथ की गति थोड़ी हल्की पड़ सकती है।

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First Published: Apr 11, 2023 6:46 PM

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