लॉजिस्टिक्स फर्म डेल्हीवरी (Delhivery) अपनी कॉम्पिटीटर ईकॉम एक्सप्रेस लिमिटेड (Ecom Express Limited) को खरीदने जा रही है। यह सौदा 1,407 करोड़ रुपये का रहेगा। डेल्हीवरी ने एक बयान में बताया है कि कंपनी के बोर्ड ने शेयर परचेज एग्रीमेंट के एग्जीक्यूशन को मंजूरी दे दी है और डेफिनिटिव एग्रीमेंट साइन हो गया है। सौदे के तहत ईकॉम एक्सप्रेस में 99.4 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी जाएगी। खरीद के पूरा होने के बाद ईकॉम, डेल्हीवरी की सहायक कंपनी बन जाएगी।
डेल्हीवरी ने शेयर बाजारों को बताया है कि अगर शेयर परचेज एग्रीमेंट को एक्सटेंड नहीं किया जाता है तो यह खरीद इस एग्रीमेंट के एग्जीक्यूशन की तारीख से 6 महीने के अंदर पूरी हो जाएगी। इस सौदे को अभी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है।
ईकॉम एक्सप्रेस लिमिटेड अगस्त 2012 में इनकॉरपोरेट हुई थी। यह एक एंड टू एंड टेक्नोलॉजी इनेबल्ड लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस प्रोवाइडर है। कंपनी का हेडक्वार्टर गुरुग्राम में है। कंपनी का 31 मार्च 2024 तक टर्नओवर 2607.30 करोड़ रुपये था।
Delhivery का दिसंबर तिमाही में मुनाफा 38 करोड़ रुपये
डेल्हीवरी एक लिस्टेड कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 19,200 करोड़ रुपये है। इसके शेयर की कीमत बीएसई पर वर्तमान में 258.25 रुपये है। शेयर साल 2025 में अभी तक 26 प्रतिशत नीचे आया है। कंपनी का अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में स्टैंडअलोन बेसिस पर रेवेन्यू 2,204.28 करोड़ रुपये रहा था। शुद्ध मुनाफा 38 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
डेल्हीवरी के एमडी और सीईओ साहिल बरुआ ने बयान में कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था को कॉस्ट एफिशिएंसी, स्पीड और लॉजिस्टिक्स की पहुंच में लगातार सुधार की जरूरी है। हमारा मानना है कि यह खरीद हमें इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, नेटवर्क और लोगों में लगातार बोल्ड इनवेस्टमेंट्स के माध्यम से दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बेहतर सर्विस देने में सक्षम बनाएगी। ईकॉम एक्सप्रेस के फाउंडर्स और मैनेजमेंट ने एक हाई क्वालिटी वाला नेटवर्क और टीम बनाई है, जो डेल्हीवरी के ऑपरेशंस में इंटीग्रेट होने के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है।”
ईकॉम एक्सप्रेस के फाउंडर के. सत्यनारायण ने कहा, “डेल्हीवरी भारत की एक दिग्गज फुली इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर्स से एक है। यह ईकॉम एक्सप्रेस के विकास के अगले चरण के लिए आदर्श शेयरहोल्डर होगी। इस खरीद और इसके अंतर्निहित तालमेल से, भारत भर के कारोबारों के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को भी दो समान विचारधारा वाली कंपनियों के साथ आने से बहुत फायदा होगा।”