Demat account opening : बाजार में हाल के महीनों में आई तेजी के चलते रिटेल निवेश बाजार में खूब रुचि ले रहे हैं। इसके चलते हाल के दिनों में ब्रोकरेज के पास बड़ी मात्रा में नए डिमटेरियलाइज्ड खाते (डीमैट खाते) खुले हैं। जुलाई में, देश की दो डिपॉजिटरी, सीडीएसएल (CDSL) और एनएसडीएल (NSDL) के पास लगभग 30 लाख नए डीमैट खाते खोले गए हैं। ये जनवरी 2022 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके अलावा जुलाई का ये आंकड़ा पिछले 12 महीने के 20 लाख के औसत से लगभग 50 फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही देश में कुल डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 12.35 करोड़ पर पहुंच गई है।
इक्विटी बाजार में रिटेल निवेशकों रुचि बढ़ी
इक्विटी बाजार में रिटेल निवेशकों की रुचि पर बाजार के ट्रेंड का असर पड़ता है। हाल में माइक्रो-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स ने निफ्टी और सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है जिसके चलते इक्विटी बाजार में रिटेल निवेशकों रुचि फिर से बढ़ती नजर आई है।
डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता की वजह से भी नए ट्रेडिंग एकाउंट खुले
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के अरविंदर सिंह नंदा का कहना है कि बाजार के लगातार शानदार प्रदर्शन के चलते नए डीमैट खुले हैं। हाल के दिनों में सेंसेक्स और निफ्टी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। इसके अलावा डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता की वजह से भी नए ट्रेडिंग एकाउंट खुले हैं। आईपीओ मार्केट की तेजी के साथ-साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की तरफ से बाजार में हो रहे जोरदार निवेश से भी डीमैट खाते खोलने का रुझान बढ़ा है।
बाजार में निवेशकों की भागीदारी कम होने की संभावना नहीं
पिछले कुछ दिनों से बाजार में करेक्शन देखने को मिला है। दोनों बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले 9 में से 7 कारोबारी सत्रों में गिरावट देखने को मिली। इसके बावजूद बाजार में निवेशकों की भागीदारी कम होने की संभावना नहीं है। बाजार जानकारों को इस बात का भरोसा है कि देश की आगे की ग्रोथ संभावनाएं काफी मजबूत हैं। आगे हमें देश के बुनियादी ढ़ाचे और रियल एस्टेट में जोरदार ग्रोथ देखने को मिलेगा। देश में सरकार और निजी सेक्टर दोनों की तरफ से होने वाले पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी देखने के मिलेगी। इससे आगे कॉर्पोरेट मुनाफे में बढ़त होती दिखेगी। इसके चलते इक्विटी मार्केट में भी तेजी आएगी।
अगले कुछ हफ्तों में बाजार स्थिर होने की संभावना
शेयरखान के परमिंदर वर्मा ने कहा "जल्दी से और अगले कुछ हफ्तों में बाजार स्थिर होने की संभावना है।" उन्होंने ये भी कहा कि बाजार की हालिया गिरावट में 3-5 साल के निवेश नजरिए से खरीदारी करने के अच्छे मौके नजर आ रहे हैं। फिच द्वारा अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट के कारण हाल के दिनों में ग्लोबल मार्केट में बिकवाली आई है। हमें उम्मीद है कि बाजार जल्द ही इस री-रेटिंग के असर को पचा लेगा और नई तेजी पकड़ता दिखेगा।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आगे भी हमें नए डीमैट खाते खुलते दिखेंगे । इसका कारण यह कि इक्विटी निवेश को लेकर हाल के दिनों में जागरूकता और स्वीकार्यता दोनों ही बढ़ी है। इसके अलावा देश में आम लोगों की डिस्पोजेबल इनकम और पर्सनल सेविंग में बढ़त हुई है। इसके फाइनेंशियल मार्केट में लोगों की रुचि में इजाफा हुआ है। इसके चलते आगे भी ये रुझान जारी रहने का अनुमान है। ये एक आकर्षक निवेश केंद्र के रूप में भारत की क्षमता को भी उजागर करता है।
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