दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन आइडिया को बैंक गारंटी की शर्तों में ढील देने के लिए वित्त मंत्रालय से राय मांगी है। अगर वित्त मंत्रालय इसे हरी झंडी दे देता है तो सरकार अगले हफ्ते कैबिनेट से इसकी मंजूरी लेगी। कंपनी ने करीब 24,750 करोड रुपए की बैंक गारंटी जमा करने पर छूट देने की मांग की है। इस खबर पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि VODA-IDEA को बैंक गारंटी शर्त में छूट के मामले में नई प्रगति हुई है। इस पर दूरसंचार विभाग ने वित्त मंत्रालय से राय मांगी है क्योंकि VI को छूट पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है।
सरकार को नीलामी की शर्तों में करना होगा बदलाव
वित्त मंत्रालय की मंजूरी बाद सरकार आगे बढ़ेगी। बैंक गारंटी छूट के लिए कैबिनेट मंजूरी जरूरी है। VODA-IDEA ने बैंक जमा गारंटी में छूट मांगी है। इसके लिए सरकार को नीलामी की शर्तों में बदलाव करना होगा। सरकार से बैंक जमा गारंटी में छूट मांगी गई है। कंपनी द्वारा 24,750 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा में छूट मांगी गई है। पहली बैंक गारंटी 22 सितंबर को देनी होगी। VI को अक्टूबर तक पूरी बैंक गारंटी जमा करनी है। वोडाफोन आइडिया को ये छूट देने के लिए सरकार को नीलामी की शर्तों में बदलाव करना होगा। शर्तों में बदलाव से सभी ऑपरेटर को फायदा होगा।
ये भुगतान उन स्पेक्ट्रम के लिए किया जाना है, जिन्हें Vodafone Idea ने 2022 से पहले आयोजित नीलामियों में खरीदा था। कंपनी ने 2022 में सरकारी राहत पैकेज के तहत स्वीकृत स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए चार साल की मोहलत (मोरेटोरियम) का विकल्प चुना था। वर्ष 2016 तक आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित भुगतान दायित्वों के लिए मोरेटोरियम की अवधि अक्टूबर, 2025 से सितंबर, 2026 के बीच खत्म हो रही है। सरकार की वोडाफोन आइडिया में 31 मार्च 2024 तक हिस्सेदारी 23.8 प्रतिशत थी, जो 2023 में 33 प्रतिशत थी।