कंपनी के मैनेजमेंट में बदलाव एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन, कई बार इस बदलाव से कंपनी के इनवेस्टर्स चिंतित हो जाते हैं। डॉ लाल पैथलैब्स इसका उदाहरण है। पिछले हफ्ते कंपनी का स्टॉक करीब 7 फीसदी लुढ़क गया। कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद यह गिरावट आई। दरअसल, कंपनी ने सितंबर तिमाही के नतीजों के दौरान यह बताया कि मैनेजिंग डायरेक्टर ओम प्रकाश मनचंदा एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के पद से 31 मार्च, 2025 को रिटायर कर जाएंगे। अगले फाइनेंशियल ईयर से वह एडवाजरी रोल में आ जाएंगे।
कंपनी की ग्रोथ में मनचंदा का बड़ा हाथ
मनचंदा का डॉ लाल पैथलैब्स (Dr Lal Pathlabs) का प्रॉफिट बढ़ाने में बड़ा हाथ रहा है। बतौर एग्जिक्यूटिव उनके दो दशक के कार्यकाल में कंपनी ने अपने कारोबार का विस्तार नए इलाकों में किया। कंपनी ने कुछ अधिग्रहण भी किए। 2020 में उन्हें दोबारा एमडी नियुक्त किया गया। उन्होंने कंपनी की बिजनेस स्ट्रेटेजी में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने तब कंपनी की ग्रोथ के लिए रास्ता बनाया जब डॉयग्नास्टिक इंडस्ट्री में प्रतियोगिता काफी बढ़ गई थी। स्टार्टअप्स और डिजिटल फोकस वाली कंपनियां इस इंडस्ट्री में दाखिल हो रही थीं। वे बहुत कम प्राइस पर सर्विसेज दे रही थीं। डॉ लाल पैथलैब्स न सिर्फ इस प्रतियोगिता का सामना किया बल्कि नए इलाकों में भी सेवाएं शुरू की।
मनचंदा के गाइडेंस की जरूरत कंपनी को पड़ती रहेगी
बड़े बदलाव से गुजरने के बाद भी आज डॉयग्नास्टिक इंडस्ट्री में लोकल ब्रांड्स की मजबूत पकड़ है। इसलिए किसी कंपनी को एक इलाके से दूसरे इलाके में पैठ बनाने में काफी समय लगता है। ICICI Securities ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "डॉ मनचंदा पिछले कई साल से कंपनी की ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाते आ रहे हैं। डॉ लाल पैथलैब्स को एक प्रोफेशनल कंपनी बनाने में उनका बड़ा हाथ रहा है।" 1 अप्रैल, 2025 से एडवायजरी रोल में आने के बाद भी कंपनी को उनके गाइडेंस की जरूरत पड़ेगी। कंपनी के शेयरों में आई गिरावट इस बात का संकेत है कि इनवेस्टर्स मनचंदा के रिटायरमेंट से चिंतित हैं।
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इस वजह से इनवेस्टर्स हैं चिंतित
करीब छह महीने पहले Dr Lal Pathlabs के सीईओ ने इस्तीफा दिया था। नए सीईओ शंख बनर्जी ने इस साल मई में अपनी जिम्मेदारी संभाली थी। बनर्जी के कंपनी का बागडोर संभाले कुछ समय बीत गया है। लेकिन बतौर सीईओ उनका ट्रैक रिकॉर्ड सीमित है। ऐसे में मनचंदा का एग्जिक्यूटिव रोल से अलग होगा निवेशकों को पंसद नहीं आ रहा है। नोमुरा के एनालिस्ट्स ने भी इस बारे में कहा है। उन्होंने कहा है कि करीब दो दशक तक बड़ी भूमिका निभाने के बाद मनचंदा के जाने से खालीपन आएगा। इसका कंपनी के वैल्यूएशन मल्टीपल पर निगेटिव असर पड़ सकता है।