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इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं, समावेशी होना चाहिए हमारा विकास: आरसी भार्गव

आरसी भार्गव का मानना है कि इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर अपनी तरफ से अपने वर्कफोर्स के कल्याण के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहा है। भार्गव के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में 60-70 फीसदी वर्कफोर्स ब्लू-कॉलर वर्कर्स की है। उनकी बेहतरी के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है

अपडेटेड Mar 24, 2023 पर 10:55 AM
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मारुति की स्थापना के साथ ही इसके साथ जुड़े कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बातचीत में बताया कि प्रशिक्षुओं को छोड़ दें तो कंपनी के सभी कर्मचारी आयकरदाता हैं और उनमें से 90 फीसदी लोगों के पास अपनी कार है

मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने मनीकंट्रो के साथ हुई बातचीत में कहा है कि अगर पूरे मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की बात करें तो उदारीकरण के बाद के युग में उनका नजरिया सामाजवादी है। वे जिम्मेदारियों और अधिकारों में सबकी भागीदारी के पक्षधर हैं। आरसी भार्गव का मानना है कि इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर अपनी तरफ से अपने वर्कफोर्स के कल्याण के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहा है। भार्गव के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में 60-70 फीसदी वर्कफोर्स ब्लू-कॉलर वर्कर्स (शारीरिक श्रम करने वाले) की है। उनकी बेहतरी के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।

मनीकंट्रोल के उप संपादक रवि कृष्णन के साथ हुई बातचीत में आरसी भार्गव ने कहा “यदि हम मैन्यूफैक्चरिंग में झंडे गाड़ना चाहते हैं, तो हमें प्रधान मंत्री की बात सुननी चाहिए और यह पक्का करना चाहिए कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर समावेशी हो यानी इसमें सभी के कल्याण पर ध्यान दिया जाए। इस मामले में हमें पश्चिमी देशों की नकल करने के जरूरत नहीं है।

आरसी भार्गव ने मनीकंट्रोल द्वारा आयोजित इवेंट ‘Policy Next Rs 10 trillion-dollar Push’ में बोलते हुए कहा कि हमें ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि शॉपफ्लोर पर काम करने के दौरान प्राप्त अनुभव के आधार पर ही कंपनी में नए सुधार किए जा सकते हैं। ऐसे में शॉपफ्लोर पर काम करने वाले मेहनतकश लोगों को भी कंपनी की प्रगति से फायदा होना चाहिए।


कंपनी के सभी कर्मचारी आयकरदाता

मारुति की स्थापना के साथ ही इसके साथ जुड़े कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस बातचीत में बताया कि प्रशिक्षुओं को छोड़ दें तो कंपनी के सभी कर्मचारी आयकरदाता हैं और उनमें से 90 फीसदी लोगों के पास अपनी कार है। कंपनी के कर्मचारियों को तमाम बच्चे कंपनी द्वारा स्थापित DPS में पढ़ाई करने को बाद मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर रहे हैं। श्री भार्गव ने इस बातचीत में आगे कहा कि देश, समाज या किसी भी सेक्टर के समावेशी विकास में शिक्षा एक बुनियादी जरूरत है। शिक्षा लोगों के जीवनस्तर और गुणवत्ता के विकास में सबसे अहम भूमिका निभाती है।

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हमें जापानियों प्रतिस्पर्धी प्रवृति के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए

उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री का अधिकांश हिस्सा 'ओनर मैनेज्ड' हैं। कंपनी के ओनर मुख्य रूप से अपने और अपने परिवारों के लिए आजीविका और समाज में अपनी स्थिति बेहतर करने के उद्देश्य से उद्योग लगाते हैं। उनका लक्ष्य इंडस्ट्री या इसके स्टेक होल्डरों का विकास करना नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि जापान की बात करते हुए हम अक्सर उनकी समय की पाबंदी और कुछ दूसरी खासियतों की ही बात करते हैं। लेकिन हम जापानियों की प्रतिस्पर्धी प्रवृति ओर उनकी उद्यमशीलता की बात नहीं करते। हमें जापानियों प्रतिस्पर्धी प्रवृति के बारे में भी पढ़ाया जाना चाहिए।

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