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भारत में भी कोरोना वैक्सीन के आने से पहले ही हराम और हलाल पर विवाद!

जमीयत उलेमा और रजा एकेडमी ने वैक्सीन के विरोध की बात की है।

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 25, 2020 पर 9:12 AM
भारत में भी कोरोना वैक्सीन के आने से पहले ही हराम और हलाल पर विवाद!

अभी देश को वैक्सीन मिली भी नहीं है और इसके ऊपर विवाद शुरू हो गया है। जमीयत उलेमा और रजा एकेडमी ने वैक्सीन के विरोध की बात की है। उनका कहना है कि अगर ये सुअर की चर्बी से बनाई गई है तो वैक्सीन हराम होगी। हालांकि दुनिया के कई इस्लामिक देश वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। संयुक्त अरब अमीरात ने भी इसके इस्तेमाल पर मुहर लगाई है। भारत में हो रहे विरोध पर BJP ने मुस्लिम संगठनों पर निशाना साधा है।

उधर बंगलुरू के जामा मस्जिद के इमाम मकसूद इमरान ने कहा है कि अभी वैक्सीन पर पूरी जानकारी नहीं है लेकिन इसको लेकर पूरी जानकारी मिलनी चाहिए। सब देश अपने अपने हिसाब से वैक्सीन बनवा रहे हैं।

इस बीच लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समाज से किसी भी तरह के बहकावे में आने की बजाये कोरोना वैक्सीन लगवाने की बात कही है। उनका कहना है कि जान की हिफाज़त सबसे बड़ी चीज़ है इसलिए सभी वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन को किसी चश्मे से ना देंखें।

गौरतलब है कि ब्रिटेन और अमेरिका में तो वैक्सीन लगाने की शुरुआत भी हो चुकी है। लेकिन धार्मिक कारणों से मुसलमानों के लिए यह वैक्सीन हलाल है या हराम इस पर भी कुछ देशों में बहस शुरू हो गई है। इस बहस की शुरुआत दक्षिण-पूर्वी एशियाई और मुस्लिम बहुल देशों इंडोनेशिया और मलेशिया में हुई है। अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है।
 
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