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Experts views : निफ्टी के 24750 से ऊपर टिके रहने तक रुझान मजबूत बने रहने की संभावना, बैंक शेयर तय करेंगे बाजार का रुख

सुबह की बिकवाली के बाद, फाइनेंशियल, ऑटो और मेटल शेयरों में चुनिंदा खरीदारी के कारण बाजार में ओवरसोल्ड स्तर से उछल दिखा। निजी बैंकों के शुरुआती नतीजे अच्छे रहे हैं, जिससे यह उम्मीद बनी कि सप्ताहांत में आने वाले फाइनेंशियल नतीजे भी अच्छे रहेंगे

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 18, 2024 पर 5:44 PM
Experts views : निफ्टी के 24750 से ऊपर टिके रहने तक रुझान मजबूत बने रहने की संभावना, बैंक शेयर तय करेंगे बाजार का रुख
चीन की तीसरी तिमाही की जीडीपी में उम्मीद से थोड़ी बेहतर बढ़त से फायदा उठाते हुए मेटल शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया

बाजार आज शुरुआती नुकसान की भरपाई करते हुए तीन दिन की गिरावट से उबरते दिखा। 18 अक्टूबर को निफ्टी 24,850 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा। मेटल, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में हुई खरीदारी के कारण बाजार में बढ़त देखने को मिली। मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के बीच, निफ्टी आज 24,700 से नीचे खुला और 24,567.65 के दिन के निचले स्तर को छू गया। हालांकि, दिन चढ़ने के साथ ही इसने सभी नुकसानों की भरपाई कर ली और 300 से ज्यादा अंकों की रिकवरी के साथ 24,886.20 के दिन के उच्चतम स्तर को छूता दिखा। कारोबारी सत्र के अंत में निफ्टी 104.20 अंक या 0.42 फीसदी बढ़कर 24,854 पर बंद हुआ।

साप्ताहिक आधार पर देखें तो बाजार में लगातार तीसरे हफ्ते साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली है। ये 2024 की सबसे लंबी गिरावट है। शुक्रवार या आज की तेजी से बाजार में साप्ताहिक गिरावट कम हुई। फिर भी सेंसेक्स और निफ्टी में 0.2-0.4 फीसदी की गिरावट लेकर बंद हुए हैं। इस हफ्ते आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की लीडरशिप में फाइनेंशियल सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया है। निफ्टी बैंक में 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि सुबह की बिकवाली के बाद, फाइनेंशियल, ऑटो और मेटल शेयरों में चुनिंदा खरीदारी के कारण बाजार में ओवरसोल्ड स्तर से उछल दिखा। निजी बैंकों के शुरुआती नतीजे अच्छे रहे हैं, जिससे यह उम्मीद बनी कि सप्ताहांत में आने वाले फाइनेंशियल नतीजे भी अच्छे रहेंगे। नायर ने आगे कहा कि चीन की तीसरी तिमाही की जीडीपी में उम्मीद से थोड़ी बेहतर बढ़त से फायदा उठाते हुए मेटल शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। ईसीबी द्वारा लगातार ब्याज दरों में कटौती से ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों को सपोर्ट मिला।

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