Roha Asset Managers के इक्विटीज हेड दलजीत सिंह कोहली का कहना है कि अमेरिकी चुनावों के पहले ही बाजार में काफी कुछ हो चुका है। अब शायद अमेरिकी इलेक्शन का बाजार पर बहुत ज्यादा असर नहीं हो। फिर भी ये एक बड़ा इवेंट है। ऐसे में बाजार की इस पर नजर तो बनी रहेगी। पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखें तो बाजार डोनाल्ड ट्रंप ज्यादा पसंद आते हैं। बाजार पर अमेरिकी चुनावों का प्रभाव क्षणिक ही रहेगा। ऐसे में इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है
भारत की मैन्युफैक्चरिंग स्टोरी आगे भी रहेगी कायम
दलजीत सिंह कोहली का मानना है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग स्टोरी आगे भी कायम रहेगी। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए आगे बढ़ रहा है। सरकार भी इसके लिए पीएलआई और टैरिफ बेनिफट जैसे तमाम उपाय कर रही है। ये हमारे लिए ज्यादा बेहतर बात है।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई एक बड़ा सिरदर्द
दलजीत ने इस बातचीत में आगे कहा कि बाजार के लिए खाने-पीने की चीजों की महंगाई एक बड़ा सिरदर्द है। शायद आगे भी ये दर्द बना रहे। इस महंगाई की वजह से देश में जो दूसरी जगहों से ग्रोथ आ रही थी वह खपत के रूप में कन्वर्ट नहीं हो पाई है। बढ़ते फूड इंफ्लेशन की वजह से लोगों के पास दूसरी चीजों पर खर्चा करने के लिए पैसे ही नहीं बच पाते। ऐसे में ग्रामीण इकोनॉमी की खपत में सुधार की हमारी उम्मीदों पर पानी फिर जा रहा है। इसके अलावा शहरी इलाकों के खपत स्तर की हालत तो और खराब हो गई है। लोगों के पास खर्च करने के लिए नहीं बच रहा है ये बाजार के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
कंज्यूमर लेंडिंग भी चिंता का एक बड़ा कारण
कंज्यूमर लेंडिंग भी चिंता का एक बड़ा कारण है। इसे आरबीआई ने पिछले 6-8 महीनों में रोक लगाने की कोशिश की है। इसकी वजह से कुछ सेक्टरों में असामान्य ग्रोथ हो रही थी। वो शायद अब नॉर्मल होती दिखेगी। दलजीत ने आगे कहा कि पिछले 4 साल में ये ऐसा पहला साल होगा जब अर्निंग सामान्य होती दिखेगी। इस साल अर्निंग, रेवेन्यू को ट्रैक करेगी। अर्निंग नॉर्मलाइजेशन को स्वीकार करना बाजार के लिए मुश्किल होगा। बाजार में पिछले 2-3 महीनों से जो कुछ चल रहा है वह असामान्य उछाल के बाद बाजार के नॉर्मलाइज होने की प्रक्रिया है। अभी अगले कुछ महीनों तक हमें यह प्रक्रिया चलती दिखेगी।
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