Market Today : ऑटो, फाइनेंशियल्स, मेटल, तेल और गैस जैसे सेक्टरों में बिकवाली के बीच भारतीय शेयर बाजार में 17 दिसंबर को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 1,064.12 अंक या 1.30 फीसदी की गिरावट के साथ 80,684.45 पर और निफ्टी 332.25 अंक या 1.35 फीसदी की गिरावट के साथ 24,336 पर बंद हुआ। गिरावट के साथ शुरुआत के बाद, दिन चढ़ने के साथ बाजार में मुनाफावसूली जारी रही और निफ्टी 24,300 के करीब पहुंच गया। निवेशक 18 दिसंबर को आने वाले यूएस फेड के फैसले से पहले सतर्क दिख रहे हैं।
श्रीराम फाइनेंस, भारती एयरटेल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, हीरो मोटोकॉर्प और जेएसडब्ल्यू स्टील निफ्टी के टॉप लूजर रहे। जबकि सिर्फ आईटीसी और सिप्ला ही निफ्टी के आज के गेनर रहे। सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। ऑटो, बैंक, एनर्जी, मेटल, तेल एवं गैस प्रत्येक में 1 फीसदी की गिरावट रही।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि यूएस फेड, बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड के नीतिगत निर्णयों से पहले सभी सेक्टरों में सुस्ती देखने को मिल रही है। हालांकि, बाजार ने पहले ही यूएस फेड से 25 बीपीएस कटौती का अंदाजा लगा रखा है। फिर भी यह किसी आकस्मिक फैसले के लिए सतर्क है। बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड से इस वर्ष के लिए अपनी मौजूदा दरों को बनाए रखने की उम्मीद है। साथ ही, आज रुपया अपने ऑलटाइम लो पर चला गया। रिकॉर्ड-हाई पर रहे व्यापार घाटे ने रुपए पर दबाव बढ़ा दिया है। बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और मजबूत होते डॉलर के कारण FII की निकासी जारी है। इसके चलते बाजार का सेंटीमेंट खराब हुआ है।
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि तकनीकी रूप से देखें तो कमज़ोर शुरुआत के बाद, पूरे दिन बाज़ार में बिकवाली का दबाव रहा। डेली चार्ट पर बियरिश कैंडल बनी और इंडेक्स 24,500/81200 से नीचे बंद हुए। ये मौजूदा स्तरों से और कमज़ोरी आने का संकेत है। श्रीकांत का मानना है कि मौजूदा बाजार की बनावट कमजोर है,लेकिन 24,275/80500 के सपोर्ट के टूटने के बाद ही नई बिकवाली संभव है। इस स्तर से नीचे जाने पर बाजार 24,200-24125/80200-80000 तक फिसल सकता है। दूसरी ओर 24,400/81000 से ऊपर जाने पर हम 24,500-24,525/81200-81300 तक की पुलबैक रैली की उम्मीद कर सकते हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार दबाव में रहा औरकारोबारी सत्र का अंत लगभग 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ हुआ। ये कमजोर सेंटीमेंट का संकेत है। शुरुआती गिरावट के बाद, निफ्टी में पूरे दिन धीरे-धीरे गिरावट आती रही और ये अंततः 24,336 पर अपने इंट्राडे निचले स्तर के पास बंद हुआ। सभी सेक्टर बिकवाली के दबाव में आ गए। मेटल,ऑटो और एनर्जी शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। ब्रॉडर इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। हालांकि उनका नुकसान तुलनात्मक रूप से कम रहा।
लार्ज-कैप सेगमेंट के बिक्री के दबाव का खामियाजा उठाना पड़ा। जबकि मिड और स्मॉल कैप तुलनात्मक रूप से कम गिरे। यह ट्रेंड अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा नए सिरे से की गई बिक्री के साथ दिखा है। आगे 24,300 अंक से नीचे एक निर्णायक ब्रेक रिकवरी में बाधा डाल सकता है और निफ्टी को 24,000 की ओर खींच सकता है। इस सतर्कता भरे माहौल में,ट्रेडरों को सलाह होगी कि वे एक हेज्ड रणनीति अपनाएं और बाजार की दिशा साफ होने का इंतजार करें।
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