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Experts Views : आने वाले सत्रों में और भी कमजोरी आने का डर, बहुत आक्रामक पोजीशन लेने से बचें

Stock market : बोनान्ज़ा के रिसर्च एन लिस्ट वैभव विदवानी का कहना है कि बाजार की नज़र आज शुरू हुई आरबीआई एमपीसी की बैठक पर रहेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन महंगाई के जोखिमों से निपटने और विकास को बढ़ावा देने की ज़रूरत के साथ संतुलन बनाते हुए नरम रुख़ का संदेश देगा

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 5:32 PM
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Market Outlook : जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि निवेशक की नजर इस सप्ताह आने वाले आरबीआई के फैसलों पर है। हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा

Market Today : बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और 29 सितंबर को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी 24,650 के करीब बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 61.52 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,364.94 पर और निफ्टी 19.80 अंक या 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,634.90 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक मामूली रूप से गिर कर बंद हुआ। बीएसई पर 140 से अधिक शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के हाई को छुआ। इसमें सुप्रीम पेट्रो, उषा मार्टिन, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, इंडियन बैंक, आरबीएल बैंक और मिंडा कॉर्प जैसे शेयर शामिल हैं।

आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि तकनीकी रूप से देखें तो सकारात्मक शुरुआत के बाद बाजार को 24,800/80800 के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा और ऊपरी स्तरों पर आई मुनाफावसूली के कारण इसमें तेज़ करेक्शन हुआ। दिन के हाई से,यह लगभग 200/600 अंक नीचे आ गया। इसके अलावा, डेली चार्ट पर इसने एक बियरिश कैंडल बनाया है और इंट्राडे चार्ट पर, एक लोअर टॉप बना हुआ है, जो काफी हद तक निगेटिव है।


बाज़ार का शॉर्ट टर्म ट्रेंड कमज़ोर है। लेकिन चूंकि यह ओवरसोल्ड है। ऐसे में तेज़ी से वापसी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। डे ट्रेडर्स के लिए, 24,800/80800 एक तात्कालिक रेजिस्टेंस जोन होगा। अगर बाज़ार जोन को सफलतापूर्वक पार कर जाता है, तो यह 24,900-24925/81000-81300 तक वापस उछल सकता है। दूसरी ओर, 24,600/80300 से नीचे जाने पर बिकवाली का दबाव बढ़ने की संभावना है। इस स्तर से नीचे, यह 24,500–24,450/80000-79800 के स्तरों तक फिसल सकता है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि सोमवार को निफ्टी पर लगातार सातवें दिन बिकवाली का दबाव रहा और भारी उतार-चढ़ाव के बीच यह मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। च चार्ट पर अपर शैडों के साथ एक नगेटिव कैंडल बनी है। तकनीकी रूप से देखें तो बाजार की यह एक्शन तेजड़ियों की वापसी में मुश्किल का संकेत है। इससे आने वाले सत्रों में और भी कमजोरी आने की संभावना नजर आ रही है। निफ्टी वर्तमान में 24500-24400 के (पिछले स्विंग लो और 200-डे ईएमए) के एक अहम सपोर्ट ज़ोन के करीब पहुंच रहा है और अगले कुछ सत्रों में इस जोन तक आ सकता है। हालांकि, 24800-24900 के रेजिस्टेंस को पार कर लेने पर निकट भविष्य में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि बाजार की हाल के अमेरिकी नीतिगत कदमों का असर कुछ कम हुआ है। लेकिन विदेशी पूंजी की लगातार निकासी तथा एमपीसी बैठक से पहले की सतर्कता बाजार पर अपना असर बनाए हुए है। अजीत मिश्रा का मानना ​​है कि ओवरसोल्ड पोजीशन के चलते निफ्टी में अब कुछ कंसोलीडेशन देखने को मिल सकता है। इसके लिए 24,400-24,500 के आसपास मजबूत सपोर्ट है। वहीं, 24,800-25,000 पर रेजिस्टेंस दिख रहा है। ट्रेडरों को सलाह है कि वे बहुत आक्रामक पोजीशन लेने से बचें और सेक्टोरल रुझानों को ध्यान में रखते हुए चुनिंदा स्टॉक्स पर फोकस करें।

बोनान्ज़ा के रिसर्च एन लिस्ट वैभव विदवानी का कहना है कि बाजार की नज़र आज शुरू हुई आरबीआई एमपीसी की बैठक पर रहेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन महंगाई के जोखिमों से निपटने और विकास को बढ़ावा देने की ज़रूरत के साथ संतुलन बनाते हुए नरम रुख़ का संदेश देगा। हालांकि, निवेशक सतर्क बने हुए हैं और अमेरिका के साथ ट्रेड वार्ता पर सकारात्मक ख़बरों और आरबीआई की नीतियों का इंतज़ार कर रहे हैं। इनसे यह तय होगा कि बाजार में उछाल आएगा या आगे और कमज़ोरी आएगी।

Market outlook : सपाट बंद हुआ बाजार, जानिए 30 सितंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि निवेशक की नजर इस सप्ताह आने वाले आरबीआई के फैसलों पर है। हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। अनुकूल राजकोषीय उपायों और वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही के मज़बूत डिमांड आउटलुक को देखते हुए RBI वित्त वर्ष 2026 के अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को बढ़ा सकता है।

 

 

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