Experts views : 3 अक्टूबर को भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 24,900 के करीब पहुंचकर बढ़त के साथ बंद हुए। कारोबारी सत्र के अंत में सेक्स 223.86 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 81,207.17 पर और निफ्टी 57.95 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 24,894.25 पर बंद हुआ। वीकली बेसिस पर देखें तो अक्टूबर के पहले हफ़्ते में बाज़ार में तेज़ी रही। सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 1 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। इस हफ्ते मिडकैप इंडेक्स में लगभग 2 फीसदी और निफ्टी बैंक में 2 फीसदी से ज़्यादा की बढ़त देखने को मिली। वीकली बेसिस पर सभी सेक्टोरल इंडेक्सों में तेजी देखने को मिली है। पीएसयू बैंक और मेटल इंडेक्सों में सबसे ज़्यादा बढ़त रही। निफ्टी पीएसयू बैंक और मेटल में 4 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। निफ्टी बैंक और डिफेंस शेयरों में 2 फीसदी से ज़्यादा की बढ़त रही।
बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार सीमित दायरे में कारोबार करता दिखा लेकिन अंत में हरे निशान में बंद हुआ जिससे बुधवार की तेजी जारी रही। तकनीकी नजरिए से देखें तो निफ्टी ने 24,900 पर रेजिस्टेंस का सामना किया, जो इसके 20-DEMA के आसपास ही स्थित है। इस स्तर से ऊपर बढ़ने से रिकवरी और मज़बूत हो सकती है। इसके बाद निफ्टी के लिए पहला लक्ष्य 25,150 और उसके बाद बड़ा लक्ष्य 25,400 पर होगा। नीचे की ओर, तत्काल सपोर्ट 24,600-24,750 पर दिख रहा है। बाजार में भाग लेने वालों को अपेक्षाकृत मजबूत सेक्टरों जैसे मेटल, ऑटो और सरकारी कंपनियों पर फोकस करना चाहिए। दूसरे सेक्टरों में बहुत ही चुनिंदा शेयरों पर दांव लगाने की सलाह होगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी ने कहा कि बुधवार को निचले स्तरों से उछाल दिखाने के बाद, निफ्टी ने शुक्रवार को सीमित दायरे में कारोबार किया। लेकिन इसमें बढ़त जारी रही। दिन के अंत में यह 57 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ। डेली चार्ट पर निचले स्तरों पर एक लंबी बुल कैंडल बनी, जो बाज़ार में गिरावट पर खरीदारी के अवसर का संकेत देती है। बाज़ार का यह एक्शन मंगलवार के निचले स्तर 24600 के आसपास शॉर्ट टर्म बॉटम रिवर्सल की भी पुष्टि करता है। निफ्टी का शॉर्ट टर्म रुझान पॉजिटिव। अगले सप्ताह तक निफ्टी 25200 के आसपास जा सकता है। निफ्टी के लिए 24750 पर तत्काल सपोर्ट है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि सीमित दायरे में कारोबार के बाद,मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल शेयरों में बढ़त के दम पर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। अक्टूबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, कमजोर डॉलर और बेस मेटल की कीमतों में तेजी से मेटल में तेजी आई। सरकार की तरफ से किए गए रिफॉर्म अच्छे मानसून और महंगाई में नरमी के कारण खपत वाले शेयरों में तेजी देखने को मिली।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। निवेशकों ने क्वालिटी छोटे-मझोले शेयरों पर फोकस बढ़ा दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लार्ज-कैप शेयरों की तुलना में वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में छोटे-मझोले शेयरों की अर्निंग ग्रोथ ज्यादा बेहतर रह सकती है। निकट भविष्य में आरबीआई की बेहतर नीति और त्योहारी सीजन की अनुकूल परिस्थितियां बाजार के लिए सहायक हो सकती है।
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