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FII vs DII: डीआईआई करेंगे मार्केट की ड्राइविंग? विदेशी निवेशकों से अब बस इतना ही पीछे

FII vs DII: दिसंबर तिमाही में विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने घरेलू मार्केट को बुरी तरह तोड़ दिया। घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 8.7 फीसदी और निफ्टी 9.7 फीसदी फिसल गया। हालांकि मार्केट को घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अच्छा सपोर्ट किया और इसे अधिक गिरने से बचाया। अब सामने आ रहा है कि एफआईआई और डीआईआई के बीच का फासला बहुत ही कम रह गया है जोकि 10 साल पहले डबल का फर्क था

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 04, 2025 पर 10:55 AM
FII vs DII: डीआईआई करेंगे मार्केट की ड्राइविंग? विदेशी निवेशकों से अब बस इतना ही पीछे
FII vs DII: घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के बीच का फर्क दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया।

FII vs DII: घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के बीच का फर्क दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया। दिसंबर तिमाही में विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली के बीच डीआईआई ने जमकर खरीदारी की जिससे दोनों के बीच का फर्क रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। आंकड़ों की बात करें तो एनएसई पर लिस्टेड कंपनियों में एफआईआई की हिस्सेदारी घटकर 12 साल के रिकॉर्ड निचले स्तर 17.23 फीसदी पर आ गई। वहीं डोमेस्टिक होल्डिंग्स बढ़कर 16.9 फीसदी पर पहुंच गई जिसमें घरेलू म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी 9.93 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर है।

वहीं प्राइवेट प्रमोटर होल्डिंग्स गिरकर 41.08 फीसदी पर आ गई और खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी उछलकर 7.69 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई। हाई नेटवर्थ इंवेस्टर्स (HNIs) की हिस्सेदारी बढ़कर तीन साल के हाई 2.09 फीसदी पर पहुंच गई।

लेकिन एसेट्स दोनों के हुए कम

दिसंबर तिमाही के आखिरी में एफआईआई और डीआईआई की होल्डिंग के बीच का फर्क महज 0.3 पर्सेंटेज प्वाइंट रह गया जोकि मार्च 2015 में 10.3 फीसदी था। प्राइमइंफोबेस पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2015 में एफआईआई की हिस्सेदारी डीआईआई की तुलना में लगभग डबल थी। हालांकि अब दोनों लगभग बराबरी पर आ गए हैं। हालांकि मार्केट की गिरावट के चलते दिसंबर तिमाही में एफआईआई की एसेट्स अंडर कस्टडी (AUC) तिमाही आधार पर ₹81.88 लाख करोड़ से गिरकर ₹74.91 लाख करोड़ पर आ गई और डीआईआई की भी एयूसी इस दौरान ₹76.78 लाख करोड़ से गिरकर ₹73.47 लाख करोड़ पर आ गई।

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