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FII vs DII: पहली बार, विदेशी निवेशकों से अधिक हुई घरेलू संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग, मार्केट पर क्या होगा असर?

FII vs DII: भारतीय स्टॉक मार्केट पर लंबे समय से विदेशी निवेशकों का कब्जा रहा है। हालांकि पहली बार ऐसा हुआ है, जब घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) भारतीय इक्विटी मार्केट में होल्डिंग्स के मामले में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) से आगे निकल गए हैं। यह बदलाव वैश्विक मार्केट में कारोबारी अनिश्चितताओं और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण FII की लगातार बिकवाली के बीच हुआ है

अपडेटेड May 02, 2025 पर 12:59 PM
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FII vs DII: पिछले साल अक्टूबर महीने से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी मार्केट में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू की। इस बिकवाली की आंधी में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने ताबड़तोड़ खरीदारी शुरू की।

FII vs DII: मार्च 2025 तिमाही के आखिरी में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की भारतीय इक्विटी मार्केट में होल्डिंग करीब 16.91 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं ACE Equities पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की होल्डिंग 16.84 फीसदी रही यानी कि एफआईआई से अधिक होल्डिंग डीआईआई की रही। ऐसा पहली बार हुआ है कि विदेशी निवेशकों से अधिक होल्डिंग घरेलू संस्थागत निवेशकों की हो गई। डीआईआई के पास अब करीब 69.80 लाख करोड़ रुपये के एसेट्स हैं तो एफआईआई के पास करीब 69.58 लाख करोड़ रुपये के एसेट्स हैं।

FIIs की बिकवाली, DIIs की खरीदारी

पिछले साल अक्टूबर महीने से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी मार्केट में ताबड़तोड़ बिकवाली शुरू की। इस बिकवाली की आंधी में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने ताबड़तोड़ खरीदारी शुरू की। एनएसई और एनएसडीएल पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक डीआईआईज ने सितंबर 2024 के बाद से मार्च तिमाही के आखिरी तक 3.97 लाख करोड़ रुपये भारतीय मार्केट में डाले जबकि विदेशी निवेशकों ने 2.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक निकाल लिए ।


हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी बढ़ने का यह चलन नया नहीं है। वर्ष 2021 से नेट इंवेस्टमेंट्स के मामले में DII लगातार FII से आगे निकल गए हैं। वर्ष 2021 में डीआईआई ने 98 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश किए जबकि एफआईआई ने सिर्फ 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश किए। वर्ष 2022 में DII ने 2.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया, जबकि FII ने 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की। वर्ष 2023 में दोनों निवेशक समूह लगभग बराबर रहे, जिसमें DII ने 1.81 लाख करोड़ रुपये और FII ने 1.74 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया। पिछले साल वर्ष 2024 की बात करें तो डीआईआई फिर हावी रहे। डीआईआई ने पिछले साल भारतीय इक्विटी मार्केट में 5.23 लाख करोड़ रुपये डाले जबकि एफआईआई ने 8,000 करोड़ रुपये की बिक्री की। इस साल 2025 में अब तक डीआईआई ने 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है जबकि एफआईआई ने 1.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक निकाल लिए हैं।

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बदलाव का क्या होगा मार्केट पर असर?

असित सी मेहता इंवेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स के रिसर्च हेड सिद्धार्थ भामरे का कहना है कि पिछले एक साल में एफआईआई ने लगातार खरीदारी से अधिक बिकवाली की जबकि म्यूचुअल फंड एसआईपी के जरिए घरेलू निवेश मजबूत बना हुआ है। हालांकि उनका मानना है कि इस बदलाव से तत्काल बड़े प्रभाव की उम्मीद नहीं है लेकिन इससे बाजार में उतार-चढ़ाव कम हो सकता है क्योंकि एफआईआई के मुकाबले डीआईआई का निवेश अधिक स्थायी है। सिस्टमैटिक्स ग्रुप के को-हेड (इक्विटी एंड रिसर्च) धनंजय सिन्हा का कहना है कि एफआईआई घरेलू मार्केट में अब भी अहम प्लेयर बने हुए हैं।

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